पंजाब विधानसभा चुनावों की घड़ी जैसे जैसे नज़दीक आती जा रही है , वैसे वैसे ही शिरोमणि अकाली दल के अपनी सहयोगी पार्टी भाजपा को दबाव में लेने के प्रयास तेज़ होते जा रहे हैं ।
पंजाब में नशे के कारोबार को आम बताते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि पंजाब में आप केवल एक बिजनेस कर सकते हैं और वह है नशे का बिजनेस, क्योंकि यहां की सरकार में शामिल लोगों के संरक्षण में यह फूल फल रहा है। राहुल गांधी ने कहा कि भट्टा परसौल में जिस तरह की लड़ाई उन्होंने लड़ी थी, वैसी ही लड़ाई पंजाब को बचाने के लिए वह और उनकी पार्टी लड़ेगी।
हरियाणा में सोमवार को भी आरक्षण की मांग को लेकर जाटों का आंदोलन जारी रहा। राज्य में विभिन्न स्थानों पर ऑल इंडिया जाट आरक्षण संघर्ष समिति (एआईजेएएसएस) से जुड़े जाट नेताओं ने दूसरे दिन भी धरना दिया लेकिन उसमें लोगों की उपस्थिति कम ही रही।
करीब तीन महीने पहले जाटों के हिंसक आंदोलन में 30 लोगों की मौत के बाद रविवार को जाट नेताओं ने कड़ी सुरक्षा के बीच एक बार फिर से हरियाणा में अपना प्रदर्शन शुरू कर दिया। फिलहाल यह प्रदर्शन छोटी-छोटी बैठकों तक सीमित है।
एक समय में राम मंदिर आंदोलन की सक्रिय सदस्य रहीं केंद्रीय मंत्री उमा भारती बातचीत के माध्यम से लंबे समय से चले आ रहे इस विवाद का समाधान चाहती हैं। हालांकि विवादित भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी को अपना नायक बताते हुए मंत्री ने उनकी सराहना की। उन्होंंने कहा कि वह स्वामी के वचन पर विश्वास करती हैं कि अयोध्या में राम मंदिर का काम इस वर्ष के आखिर तक शुरू हो जायेगा।
हरियाणा में जाट आंदोलन से निपटने के लिए प्रशासन इस बार काफी सतर्क है। प्रशासन ने राज्य के संवेदनशील 8 जिलों में धारा 144 लागूू कर दी है। दिल्ली से सटे सोनीपत में मोबाइल इंटरनेट पर रोक लगा दी गई है। पिछली बार की हिंसा से सबक लेते हुए खट्टर सरकार ने राज्य में अर्धसैनिक बलों की 55 कंपनियां तैनात की हैं।
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति (एबीजेएएसएस) ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण के लिए पांच जून से हरियाणा में फिर से आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है। इसे देखते हुए हरियाणा में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। राज्य के 8 जिलों में धारा 144 लगाई गई है। आंदोलन को रोकने के लिए खट्टर सरकार हाई कोर्ट में एक याचिका दायर करेगी।
उज्जैन सिंहस्थ में विश्व हिंदू परिषद के मंडप में बीते दो दिन संतों की बैठक हुई। संत समाज से आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि, जूना अखाड़ा सहित कई महामंडलेश्वर, शंकराचार्य आदि शामिल हुए। बैठक में सभी ने विश्व हिंदू परिषद के महामंत्री चंपत राय से चर्चा की।
सूखे का प्रभाव बच्चों पर भी पड़ने लगा है। बालश्रम के लिए कार्यरत संस्था बचपन बचाओ आंदोलन के संस्थापक और नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने सूखे से प्रभावित बच्चों को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है।