नागौर में भीषण हिंसा, महाराष्ट्र में दलित युवक की हत्या, उत्तर प्रदेश में दलित महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाया। देश भर में दलितों पर न सिर्फ हिंसा की घटनाओं में जबर्दस्त तेजी आई है, बल्कि घटनाओं को अंजाम भी बेहद नृशंस तरीके से दिया जा रहा है। इससे यह साफ होता है कि विकास की राह में सबको साथ लेकर चलने के तमाम दावों के साथ ही साथ उनके प्रति नफरत दिनोदिन बढ़ती जा रही है।
भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहें कि भूमि विधेयक उनके लिए जीवन मरण का प्रश्न नहीं है मगर केंद्रीय कैबिनेट ने शनिवार को फैसला लिया कि भूमि अध्यादेश फिर से जारी होगा। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को यह अध्यादेश फिर भेजा जाएगा।
दलितों पर अत्याचार का गढ़ बनते जा रहे नागौर जिले के डांगावास गांव में दबंगों की हिंसा के शिकार एक और व्यक्ति ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया है। गत 14 मई को जाट समुदाय के लोगों ने जमीन विवाद में तीन दलित कों ट्रैक्टर से कुचलकर मार डाला था, जबकि करीब दर्जन भर लोग बुरी तरह घायल हैं।
देश के अल्पसंख्यकों को वे स्पष्ट संदेश देना चाहते हैं। इसके लिए तरीके अलग-अलग अपनाए जा रहे हैं। निशाने पर उनका धर्म है और हमले लगातार उनकी लगातार धार्मिक संस्थाओं पर हो रहे हैं। खान-पान, रहन सहन, पहनावे पर बहुसंख्यकवाद का आतंकी डंडा बज रहा है। दोषियों के खिलाफ सख्त निर्णायक कार्रवाई की कोई नजीर नहीं दिखाई दे रही। लिहाजा हमलावरों के मंसूबे परवान चढ़े हुए हैं। देश की राजधानी दिल्ली से महज 30-40 किलोमीटर दूर हरियाणा के बल्लभगढ़ में हुई सांप्रदायिक हिंसा की वारदात में जिस तरह से एकतरफा मुसलमानों को निशाने पर लिया गया, उनके घरों में आग लगाई गई, पुलिस की तैनाती के बीच कुल्हाड़ी से 60 वर्षीय हसन मोहम्मद पर हमला किया गया, उससे साफ है कि नफरत का यह चक्र लंबा चलेगा। अल्पसंख्यकों को सबक सिखाने की मानसिकता जोरों पर है।
कांग्रेस नेताओं ने मोदी सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं, जिसका मुकाबले करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि किसी भी समुदाय के खिलाफ हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
दस जून से शुरू होने वाले भारतीय क्रिकेट टीम के बांग्लादेश दौरे के लिए टेस्ट और वन डे टीमों की घोषणा कर दी गई है। महेंद्र सिंह धोनी को वन डे टीम का जबकि विराट कोहली को टेस्ट टीम का कप्तान बरकरार रखा गया है।
जहांगीरनगर विश्वविद्यालय के उत्खनन दल को दीनाजपुर जिले के एक गांव में खुदाई के दौरान एक मंदिर का पता चला है। माना जा रहा है कि यह मंदिर आठवी और नवीं सदी के बीच पाल राजवंश के शासकों ने बनवाया था।