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Search Result : "बांसुरी वादक"

उस्ताद इमरत खान ने ठुकराया पद्मश्री पुरस्कार

उस्ताद इमरत खान ने ठुकराया पद्मश्री पुरस्कार

मशहूर सितार एवं सुरबहार वादक उस्ताद इमरत खान ने पद्मश्री पुरस्कार ठुकरा दिया क्योंकि यह उन्हें बहुत देर से दिया जा रहा और उनकी विश्वव्यापी शोहरत और योगदान के अनुरूप नहीं है।
अमजदअली खान क्रिसमस पर पेश करेंगे ‘साइलेंट नाइट कैरोल’

अमजदअली खान क्रिसमस पर पेश करेंगे ‘साइलेंट नाइट कैरोल’

सुप्रसिद्घ सरोद वादक उस्ताद अमजदअली खान क्रिसमस की पूर्वसंध्या पर दुनिया में शांति और एकता की दुआ मांगते हुए सदाबहार क्रिसमस साइलेंट नाइट कैरोल प्रस्तुत करेंगे।
सीमा पर लगी बाड़ों के पार भी है संगीत में अकूत ताकत: सलमान अहमद

सीमा पर लगी बाड़ों के पार भी है संगीत में अकूत ताकत: सलमान अहमद

सूफी रॉक बैंड जुनून से 1990 के दशक में मशहूर हुए पाकिस्तानी गायक-गिटार वादक सलमान अहमद का कहना है कि सीमा पर लगी कांटेदार बाड़ों के पार भी संगीत में अकूत ताकत है और कोई बाधा इसे रोक नहीं सकती है। 90 दशक में पाकिस्तान और भारत के बीच परमाणु संलयन के बजाय सांस्कृतिक मेल-मिलाप की वकालत करने के लिए इस पाकिस्तानी गायक पर गद्दार का ठप्पा लगा था।
लोकप्रियता का शॉर्टकट नहीं होता : हरिप्रसाद चौरसिया

लोकप्रियता का शॉर्टकट नहीं होता : हरिप्रसाद चौरसिया

मशहूर बांसुरीवादक हरिप्रसाद चौरसिया का मानना है कि संगीत की दुनिया में आने की इच्छा रखने वाली वर्तमान पीढ़ी को संगीत की विभिन्न विधाओं से अच्छी तरह वाकिफ होना चाहिए।
‘बांसुरी मेरा पहला प्यार है’-मु्‍क्तेश चंद्र

‘बांसुरी मेरा पहला प्यार है’-मु्‍क्तेश चंद्र

दिल्ली पुलिस में विशेष आयुक्त यातायात मुक्तेश चंद्र का नाम सुनते ही एक दबंग अंदाज, कड़क मिजाज और अनुशासन प्रिय अधिकारी की छवि उभरकर सामने आती है। लेकिन इस छवि के अलावा मुक्तेश चंद्र की पहचान एक बांसुरी वादक के रुप में भी है। 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी मुक्तेश चंद्र से बांसुरी के प्रति उनके लगाव और निष्ठा को लेकर बातचीत की गई। पेश है प्रमुख अंश-
इक आग का दरिया है बांसुरी

इक आग का दरिया है बांसुरी

मशहूर बांसुरीवादक पंडित रानेंद्र (रोनू) मजूमदार ने हाल ही में सिर्फ बच्चों के लिए एक म्यूजिक ऐलबम निकाला है। पांच हजार से ज्यादा दफा अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुति दे चुके रोनू मजूमदार का कहना है कि संगीत के क्षेत्र में अब वह सिर्फ बच्चों के लिए काम करना चाहते हैं ताक‌ि अगली पीढ़ी इस व‌िरासत को संभाल सके। वाराणसी में जन्मे मजूमदार वर्ष 1974 से मुंबई में रह रहे हैं। बांसुरी में इनके पहले गुरू इनके प‌िता डॉ. भानू मजूमदार थे, जो शौक‌िया बांसुरी बजाते थे। आउटलुक ने उनसे बात की।
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