केंद्रीय मंत्रिमंडल के हालिया विस्तार और कई मंत्रियों के विभाग बदले जाने को लेकर धीरे-धीरे अब अंदरूनी सूचनाएं सामने आ रही हैं। ताजा मामला रक्षा राज्यमंत्री राव इंद्रजीत का है।
गाय की सुरक्षा के लिए हरियाणा में कड़े कानून बनाने के बाद अब 24 घंटे की हेल्पलाइन शुरू की गई है। मीडिया में छपी खबरों के मुताबिक हरियाणा पुलिस ने रविवार को इस हेल्पलाइन नंबर 8284030455 को लॉन्च किया। पुलिस के मुताबिक गाय, बछड़े या बैल की तस्करी या बूचड़खाना से जुड़ी किसी घटना के बारे में इस नंबर पर रिपोर्ट की जा सकती है।
भारत का पहला एकीकृत रक्षा संचार नेटवर्क गुरुवार को दिल्ली में शुरू किया गया। इसकी मदद से थलसेना, वायु सेना, नौसेना और विशेष बल कमान शीघ्र निर्णय लेने की प्रक्रिया के लिए परिस्थिति के अनुसार जानकारी साझा करेंगे।
रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) सुधार के बाद सरकार द्वारा संचालित रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन डीआरडीओ का कहना है कि वह विदेशी कंपनियों के साथ न सिर्फ प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार है बल्कि अपने उत्पादों के निर्यात को भी तैयार है।
आर्थिक सुधारों को गति देते हुए सोमवार को मोदी सरकार ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति (एफडीआई पॉलिसी) में कई बड़े बदलावों का ऐलान किया। नागरिक उड्डयन और रक्षा क्षेत्र में 100 फीसदी एफडीआई को मंजूरी दे दी गई है।
19 जून 1966 को बाल ठाकरे ने महाराष्ट्र में शिवसेना की स्थापना की थी। उन्होंने उस वक्त वादा किया था कि दल का उद़देश्य 80 फीसदी सामाजिक कार्य और 20 फीसदी राजनीति करना होगा। लेकिन शिवसेना की उधेड़बुन की राजनीति से यह आभास हो रहा है कि शिवसेना ने स्थापना के अपने स्लोगन को लगभग भुला दिया है। गठन के बाद से ही शिवसेना ने खुद को 100 फीसदी राजनीतिक पार्टी के तौर पर स्थापित किया है।
भारत के स्वदेशी बुनियादी प्रशिक्षण विमान हिन्दुस्तान टर्बो ट्रेनर..40 (एचटीटी..40) ने शुक्रवार को रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की उपस्थिति में प्रारंभिक उद्घाटन उड़ान भरी। दो सीटों वाले इस विमान का डिजाइन और विकास हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड ने किया है।
हथियारों की दलाली को लेकर लगभग 30 वर्षों तक राजनीति करने वालों ने आखिरकार दिमाग ही नहीं बदला, नियम-कानून भी बदल दिये। राजीव गांधी की कांग्रेस सरकार ने हथियारों से सौदों में किसी भी तरह के दलाल और दलाली पर प्रतिबंधात्मक कड़ा कानून बना दिया था और दुनिया के देशों को कहा गया कि रक्षा संबंधी समझौते और खरीदी सीधे सरकारों के माध्यम से ही होगी।