भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) में पुलिस के पूर्व आला अधिकारी की नियुक्ति सवालों के घेरे में आ गई है। बताया जा रहा है कि उक्त अधिकारी जब बड़े ओहदे पर थे उस समय स्पॉट फिक्सिंग का मामला सामने आया था।
बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर की चंडीगढ़ में एक कार्यक्रम के दौरान संदिग्ध सटोरिये के साथ तस्वीर आने के मामले में आईसीसी द्वारा बीसीसीआई अध्यक्ष जगमोहन डालमिया को भेजे गए पत्र पर बोर्ड संभवत: कार्रवाई नहीं करेगा।
रविवार को जहां एन श्रीनिवासन के नेतृत्व वाली अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल ने बीसीसीआई के सचिव और भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की कथित सटोरिये के साथ करीबी पर सवाल उठाए थे और बीसीसीआई से इस मामले में कार्रवाई की मांग की थी वहीं सोमवार को ठाकुर ने इस मसले पर श्रीनिवासन पर पलटवार किया है।
लोगों की याद्दाश्त छोटी होती है यह तो अकसर कहा जाता है मगर इतनी भी छोटी नहीं होती की महज दो वर्ष पहले की बातें भूल जाएं। जाहिर है कि लोग भूले नहीं होंगे कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने 2013 में आईपीएल के कमिश्नर का पद क्यों छोड़ा था।
किसी जमाने में बीसीसीआई के निर्विवाद सुप्रीमो रहे जगमोहन डालमिया आखिरकार एक बार फिर दुनिया की इस सबसे अमीर क्रिकेट संस्था पर काबिज हो गए। उन्हें सर्वसम्मति से बीसीसीआई का अध्यक्ष चुना गया मगर एन. श्रीनिवासन गुट को तब तगड़ा झटका लगा जब विरोधी खेमे के अनुराग ठाकुर ने श्रीनिवासन के विश्वस्त संजय पटेल को हराकर सचिव पद पर कब्जा जमा लिया।
पूर्व क्रिकेटर शिवलाल यादव को श्रीनिवासन का समर्थन प्राप्त है और अगर चुनाव नहीं होते हैं तो पूर्वी क्षेत्र की इकाइयां भी उन्हें अध्यक्ष बनाने पर हामी भर सकती हैं।