जेएनयू में देशविरोधी नारेबाजी के मामले में दिल्ली सरकार की मजिस्ट्रेट जांच में कन्हैया कुमार को क्लीन चिट दिया गया है। जांच रिपोर्ट के अनुसार जेएनयू में आयोजित उस विवादित कार्यक्रम में विश्वविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार के भारत विरोधी नारेबाजी करने का कोई सबूत नहीं पाया गया। पुलिस ने इसी आरोप के आधार पर कन्हैया के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया था।
नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार की भारी चुनावी जीत में प्रमुख रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर अब एक किताब लिखने जा रहे हैं। अपनी पहली किताब में किशोर चुनाव को लेकर अपने अनुभव को साझा करने के साथ ही नेताओं और चुनावों को लेकर भारतीय मतदाताओं की सोच को भी विश्लेषित करेंगे।
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को जमानत पर जेल से रिहा कर दिया गया है। गुरुवार की शाम करीब साढ़े छह बजे कन्हैया को जेल से रिहा किया गया और वह वापस जेएनयू पहुंच चुके हैं।
जाने-माने अर्थशास्त्री और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के सेवानिवृत प्रोफेसर अरुण कुमार देश में मौजूदा आर्थिक हालात को वैश्विक आर्थिक सुस्ती की देन मानते हैं। उनका यह भी मानना है कि हर सरकार राजकोषीय घाटा कम करने के लिए ही चिंतित रहती है और उसी मुताबिक बजट बनाकर किसी लक्ष्य तक पहुंचने में विफल रहती है। इसे वह गलत धारणा मानते हैं। आउटलुक के राजेश रंजन से बातचीत में उन्होंने रोजगार, घरेलु मांग, विकास दर आदि बढ़ाने पर जोर दिया।
असम में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा और असम गण परिषद के बीच गठबंधन हो गया। दोनों ही पार्टियां राज्य में साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगी। इस बात की जानकारी असम के पूर्व मुख्यमंत्री और असम गण परिषद के नेता प्रफुल्ल कुमार महंत ने भजपा अध्यक्ष अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात के बाद दी।
छात्र राजनीति का इतिहास बहुत पुराना है। राष्ट्र के नव-निर्माण से लेकर आज तक यह जारी है। हाल में भारत के विश्वविद्यालयों से एक आंधी उठी है जो हो सकता है देश की राजनीति के लिए बवंडर साबित हो
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को दिल्ली हाईकोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी। देशद्रोह के आरोप में जेल में बंद कन्हैया को अदालत ने कुछ शर्तों के साथ छह महीने की अंतरिम जमानत दी है।
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी आलोक कुमार वर्मा ने आज दिल्ली पुलिस के नए आयुक्त के रूप में प्रभार संभाल लिया है। वर्मा ने इस पद को एक ऐसे समय पर संभाला है, जब जेएनयू प्रकरण से निपटने को लेकर दिल्ली पुलिस आलोचनाओं का सामना कर रही है।
आईआईटी बॉम्बे के शिक्षकों के एक समूह ने कहा है कि उच्च शिक्षा के कुछ संस्थान ऐसी गतिविधियों की शरणस्थलियां बन गए हैं, जो राष्ट्रहित में नहीं हैं। शिक्षकों के इस समूह ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से अपील की है कि वे छात्रों को परिसरों में विचारधाराओं के युद्ध का पीड़ित न बनने का संदेश दें।