भारतीय मूल के दो अमेरिकी लेखकों का चयन 30,000 पाउंड ईनामी राशि वाले वेलकम बुक प्राइज के लिए किया गया है। यह पुरस्कार स्वास्थ्य और चिकित्सा से संबंधित विषयों पर फिक्शन और नॉन फिक्शन कार्यों के लिए प्रदान किया जाता है।
अगर आज महाकवि सूरदास होते तो शायद ‘मैया मैं तो चंद्र खिलौना लैहौं’ की जगह यह लिखते, मैया मैं तो चांद पे घर बनवैहौं। यह कहने की वजह यह है कि अभी ज्यादा दिन बीता है, स्पेस एक्स नाम की एक प्राइवेट स्पेस एजेंसी ने बताया था कि उसने दो लोगों को पर्यटक के तौर पर चांद की धरा की सैर कराने की योजना बनाई है। इस बीच कल दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी ने उससे आगे की रोमांचक खबर सुना दी।
दिल्ली मेट्रो ने एक महीने के भीतर 200 गार्डर खड़े करके लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपनी जगह बना ली है। ये गार्डर नोएडा से ग्रेटर नोएडा गलियारे में खड़े किए गए हैं।