भारत ने स्वदेश निर्मित सुपरसोनिक इंटरसेप्टर मिसाइल का में आज सफल परीक्षण किया। इस मिसाइल में कम ऊंचाई पर आ रही किसी भी बैलिस्टिक शत्रु मिसाइल को नष्ट करने की क्षमता है।
उत्तर कोरिया ने आज इस बात की पुष्टि की है कि उसने एक बैलिस्टिक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। इसे उत्तर कोरिया की ओर से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए एक चुनौती के रूप में देखा जा रहा है।
भारत ने आज ओडिशा के तट से अपनी इंटरसेप्टर मिसाइल का सफलतापूर्वक प्रायोगिक परीक्षण किया और द्विस्तरीय बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली विकसित करने की दिशा में एक अहम उपलब्धि हासिल की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस परीक्षण को वैज्ञानिकों का बहुत बड़ा पराक्रम करार देते हुए इसके जरिये भी विपक्षियों पर निशाना साधा।
चीन की सरकारी मीडिया ने अग्नि-4 एवं 5 मिसाइलों के परीक्षण पर भारत की आलोचना करते हुए आज कहा कि भारत ने परमाणु हथियारों एवं लंबी दूरी की मिसाइलों पर संयुक्त की ओर से लगाई गईं सीमाएं तोड़ी हैं और पाकिस्तान को भी इसी तरह का विशेषाधिकार मिलना चाहिए। अग्नि चार एवं पांच मिसाइलों की जद में चीनी मुख्य भूमि भी आती है।
भारत ने आज ओडि़शा अपतटीय क्षेत्र में एक परीक्षण स्थल से परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम अग्नि-4 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल प्रायोगिक परीक्षण किया। सतह से सतह पर मार करने वाली इस मिसाइल की मारक क्षमता 4,000 किलोमीटर है।
सफलता की एक नई गाथा लिखते हुए भारत ने आज परमाणु क्षमता से युक्त अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का सफल परीक्षण किया। 5,000 किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित लक्ष्य को भेदने सें सक्षम इस मिसाइल का ओडि़शा तट से दूर अब्दुल कलाम द्वीप से परीक्षण किया गया, जिसकी पहुंच पूरे चीन तक होगी।
दुनिया के लिए सबसे खतरनाक धमकी। हवाई या जल मार्ग हो- तबाह तो धरती पर बसने वाले लोग ही हो सकते हैं। फिर यह चेतावनी किसी संगठन, गुट या सिरफिरे तानाशाह की नहीं है।
भारत ने परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम स्वदेशी पृथ्वी 2 मिसाइलों का आज एक के बाद एक त्वरित गति से दो बार सफल प्रक्षेपण किया। सेना ने यह परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर स्थित परीक्षण रेंज से किया। रक्षा सूत्रों ने बताया कि एकीकृत प्रक्षेपण रेंज (आईटीआर) के तृतीय परिसर के एक मोबाइल लांचर से सुबह करीब नौ बजकर 35 मिनट पर सतह से सतह पर मार करने वाली दो मिसाइलों का एक के बाद एक त्वरित गति से सफल परीक्षण किया गया। इन मिसाइलों की मारक क्षमता 350 किलोमीटर है और वे 500 किलोग्राम से 1000 किलोग्राम तक वजनी आयुध ले जाने में सक्षम है।
चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा है कि देश के विकसित होते मिसाइल अस्त्रागार को संभालने वाली पीएलए की नवगठित रॉकेट फोर्स ने युद्ध संबंधी धमकियों को विफल करते हुए एक बड़ी शक्ति बनने में एक अद्वितीय भूमिका निभाई है।