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गुजरात सरकार को झटका, कोर्ट ने सवर्ण आरक्षण पर लगाई रोक

गुजरात सरकार को झटका, कोर्ट ने सवर्ण आरक्षण पर लगाई रोक

गुजरात हाईकोर्ट ने अारक्षण पर गुजरात सरकार को एक बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने आनंदी बेन सरकार के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें उन्होंने आर्थिक आधार पर सवर्णों को आरक्षण दिए जाने का प्रावधान किया था। सरकार ने आर्थिक आधार पर सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने का अध्यादेश जारी किया था, जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। अदालत ने इस याचिका के आधार पर सरकार के फैसले पर रोक लगा दी।
केजरीवाल सरकार को हाईकोर्ट का तगड़ा झटका

केजरीवाल सरकार को हाईकोर्ट का तगड़ा झटका

दिल्ली हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को तगड़ा झटका दिया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि उपराज्यपाल ही दिल्ली के प्रशासनिक प्रमुख हैं। हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार की इस दलील को भी खारिज कर दिया कि उपराज्यपाल मंत्रिायों की परिषद की सलाह पर काम करने के लिए बाध्य हैं।
कश्मीर: पेलट गन के इस्तेमाल पर केंद्र को हाईकोर्ट की फटकार

कश्मीर: पेलट गन के इस्तेमाल पर केंद्र को हाईकोर्ट की फटकार

कश्मीर घाटी में पिछले कई दिनों से जारी झड़पों के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा पेलट गन का इस्तेमाल किए जाने पर जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को जमकर फटकार लगाई है। अदालत ने केंद्र की आलोचना करते हुए उससे स्पष्ट करने को कहा है कि आखिर क्यों लोगों को घुटनों के ऊपर और ज्यादातर आंखों में चोटें आईं।
तेलंगाना का हो अलग हाईकोर्ट

तेलंगाना का हो अलग हाईकोर्ट

तेलंगाना में अलग हाईकोर्ट की चल रही मांग के बीच सोमवार को राज्य से बड़ी संख्या में वकीलों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और सांसदों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। राज्य के सांसदों ने कई बार केंद्र सरकार से अलग हाईकोर्ट की गुहार लगाई लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
केरल में वकीलों की गुंडागर्दी, मीडियाकर्मियों पर टूटा कहर

केरल में वकीलों की गुंडागर्दी, मीडियाकर्मियों पर टूटा कहर

अभी ज्यादा दिन नहीं हुए हैं जब‌ दिल्ली में कन्हैया कुमार के मामले में वकीलों ने अदालत परिसरों में हंगामा मचाया था और मीडिया कर्मी उनके निशाने पर आए थे। अब ऐसा ही कांड केरल से सामने आया है। केरल के विभिन्न शहरों में वकीलों ने अदालत परिसरों में मीडिया कर्मियों पर हमला बोल दिया और उनकी गाड़ियों को निशाना बनाया है।
तेलंगाना: हाईकोर्ट ने नौ और न्यायाधीशों को किया निलंबित

तेलंगाना: हाईकोर्ट ने नौ और न्यायाधीशों को किया निलंबित

आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बीच न्यायाधीशों के अस्थायी आवंटन के खिलाफ आंदोलन और तेज हो गया है। हैदराबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को अनुशासनहीनता के आधार पर निचली अदालत के नौ और न्यायाधीशों को निलंबित कर दिया जिसके विरोध में राज्य के 200 न्यायिक अधिकारी 15 दिन के लिए सामूहिक अवकाश पर चले गए।
स्कूल ने बच्चे को दाखिला देने से किया मना, हाईकोर्ट जज ने की फीस देने की पेशकश

स्कूल ने बच्चे को दाखिला देने से किया मना, हाईकोर्ट जज ने की फीस देने की पेशकश

फीस जमा नहीं कर पाने पर स्थानीय स्कूल द्वारा एक बच्चे को दाखिला देने से इनकार करने पर बंबई उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश ने किस्त में फीस लेने का निर्देश देते हुए कहा कि अगर यह संभव नहीं है तो वह खुद अपनी जेब से बच्चे की फीस जमा करने के लिए तैयार हैं।
मुठभेड़ मामला: हाईकोर्ट ने दिया कब्र से शव निकालकर पोस्टमार्टम का आदेश

मुठभेड़ मामला: हाईकोर्ट ने दिया कब्र से शव निकालकर पोस्टमार्टम का आदेश

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर उच्च न्यायालय ने राज्य के सुकमा जिले में कथित मुठभेड़ में मारी गई मड़कम हिड़मे के शव को कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम करने का आदेश दिया है।
अदालत की नाफरमानी

अदालत की नाफरमानी

कुछ समय पहले दिल्ली उच्च न्यायालय की पार्किंग में काम करने वाले लड़के की आंतों में इन्फेक्शन हुआ। एक नामी अस्पताल में उसका इलाज चला। उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन ने लड़के को प्रमाणपत्र दिया कि गरीब होने के कारण उसका नि:शुल्क इलाज किया जाए। कुछ समय तक लड़के का इलाज चला लेकिन पैसे न होने के चलते अस्पताल ने इलाज बीच में रोक दिया। लड़के की मौत हो गई। अस्पताल ने बिना फीस अदा किए शव देने से इनकार कर दिया। उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के कुछ वकीलों ने अस्पताल के 5 लाख 70 हजार रुपये अदा किए और अस्पताल से शव लेकर उसके परिजनों के सुपुर्द किया। दिल्ली उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन पूर्व अध्यक्ष, यूरोपियन यूनियन में प्रिंसीपल काउंसिल और भारत के पूर्व अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल एडवोकेट अमरजीत सिंह चंदोक इस घटना का जिक्र करते हुए पूछते हैं, 'जब दिल्ली में सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के आदेशों के यह हाल है तो क्या देश के दूसरे कोने के हालात बताने की जरूरत है?
चर्चाः न्यायाधीशों का नमन | आलोक मेहता

चर्चाः न्यायाधीशों का नमन | आलोक मेहता

न्यायाधीशों के प्रति संपूर्ण समाज में सर्वाधिक सम्मान होता है। निचली अदालतों के फैसलों को चुनौती दी जाती है और अंतिम सीढ़ी यानी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को स्वीकारा जाता है। कभी कभार बेहद मजबूरी होने पर राष्‍ट्रपति के दरवाजे खटखटाए जाते हैं। अदालतों को न्याय का मंदिर ही माना जाता है।
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