Advertisement

Search Result : "ब्रह्म कमल"

चर्चा : संघ की जमीन-पानी से खिला कमल। आलोक मेहता

चर्चा : संघ की जमीन-पानी से खिला कमल। आलोक मेहता

असम विधानसभा चुनाव में भारी विजय के साथ पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल में नया वोट खाता खोलने से भारतीय जनता पार्टी और मोदी सरकार का आत्मविश्वास बढ़ गया है। असम-अरुणाचल प्रदेश जैसे पूर्वोत्तर राज्यों में राष्ट्री य स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक लगभग 40 वर्षों से सक्रिय थे। इसी जमीनी आधार का लाभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को असम में कमल खिलाने के लिए मिला है।
एक्जिट पोल: असम में कमल, बंगाल में दीदी, पर अम्मा की गाड़ी अटकी

एक्जिट पोल: असम में कमल, बंगाल में दीदी, पर अम्मा की गाड़ी अटकी

सोमवार की शाम तमिलनाडू, केरल और पुडूचेरी में मतदान खत्म होने के साथ ही पांच राज्यों का चुनाव संपन्न हो गया। 19 मई को आने वाले नतीजों से पहले जारी विभिन्न एक्जिट पोलों ने राजनीतिक दलों की बेचैनी बढ़ा दी है। सभी एक्जिट पोल थोड़े-बहुत सीटों के अंतर के साथ लगभग एक जैसे परिणाम की ओर ही इशारा कर रहे हैं। ज्यादातर एक्जिट पोल असम और केरल में कांग्रेस की करारी हार तो भाजपा को असम और माकपा नीत एलडीएफ को केरल में सरकार बनाते हुए दिखा रहे हैं। पश्चिम बंगाल के एक्जिट पोल में ममता बनर्जी को एक बार फिर विजयी रथ पर सवार बताया जा रहा है।
जीवन का विज्ञान आयुर्वेद

जीवन का विज्ञान आयुर्वेद

आयुर्वेद का अर्थ है, जीवन का विज्ञान। आयुष वेद से मिल कर बने इस शब्द में आयुष का मतलब है जीव और वेद का मतलब है विज्ञान। आयुर्वेद के सिद्धांत को आगे बढ़ाने के लिए दिल्ली के खेड़ा डाबर, नजफगढ़ में चौधरी ब्रह्मप्रकाश आयुर्वेद चरक संस्थान की नींव रखी गई है। यह संस्थान आयुर्वेद की उस धारणा को तोड़ता है जिसमें समझा जाता है कि आयुर्वेद मात्र कुछ जड़ी-बूटियों के सहारे चलता है। यहां पूरे भारत से उच्च शिक्षा प्राप्त अध्यापक हैं और वैज्ञानिक तरीके से मरीजों का इलाज किया जाता है। यहां अन्य विभागों के साथ लीच यानी जोंक चिकित्सा पद्धति, पंचकर्म, क्षार सूत्र विधि विशेष तौर पर लोकप्रिय हैं। पंचकर्म विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अरुण गुप्ता कहते हैं, 'आम आदमी के लिए पंचकर्म सिर्फ मसाज है। ज्यादातर स्पा केंद्रों ने पंचकर्म की एक प्रक्रिया शिरोधारा के फोटो को इतना प्रमोट किया है कि आम जन में यह धारणा हो गई है कि शिरोधारा ही पंचकर्म है।’ प्रो. गुप्ता कहते हैं, 'सरकार को इस चिकित्सा पद्धति के मानक तय करने चाहिए। यानी यदि कोई केंद्र पंचकर्म शब्द का इस्तेमाल कर रहा है तो उसके पास अनिवार्य रूप से क्या सुविधाएं होनी चाहिए। जैसे मधुमेह के रोगियों को तेल की मालिश पंचकर्म में वर्जित है।’ प्रोफेसर गुप्ता बस्ती नेत्र यानी एनीमा देने के उपकरण पर भी सवाल उठाते हैं। वह बताते हैं कि इस अस्पताल में हर चीज मानक रूप से तय की गई है। लंबे मीनारनुमा इस उपकरण के आगे के छेद की गोलाई मटर के दाने बराबर और पीछे का छेद की गोलाई अंगूठे की मोटाई के बराबर होनी चाहिए। यह अस्पताल का सबसे ज्यादा व्यस्त रहने वाला विभाग है, जिसमें सौ से ज्यादा मरीज हमेशा मौजूद रहते हैं।
लोकतंत्र में बोलने की आजादी को हल्के में नहीं ले सकते: कमल हासन

लोकतंत्र में बोलने की आजादी को हल्के में नहीं ले सकते: कमल हासन

सामान्य लोकतांत्रिक प्रक्रिया के जरिये जर्मनी में हिटलर के सत्ता में आने और भारत में आपातकाल के ऐतिहासिक घटनाक्रमों का जिक्र करते हुए अभिनेता कमल हासन ने कहा कि हम बोलने की आजादी को हल्के में नहीं ले सकते। साथ ही हासन ने लोकतंत्र में बोलने की आजादी के संरक्षण के लिए सतत निगरानी को जरूरी बताया।
भाजपा का चुनाव चिन्ह वापस लेने की मांग के लिये याचिका

भाजपा का चुनाव चिन्ह वापस लेने की मांग के लिये याचिका

दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई जिसमें भारतीय जनता पार्टी का चुनाव चिन्ह कमल का फूल इस आधार पर वापस लेने का अनुरोध किया गया क्योंकि यह भगवान के स्वरूप को प्रदर्शित करता है और चुनावों के दौरान इसका उपयोग गैरकानूनी है।
अवार्ड नहीं लौटाएंगे कमल हासन, बोले-शुरू से है असहिष्णुता

अवार्ड नहीं लौटाएंगे कमल हासन, बोले-शुरू से है असहिष्णुता

देश में बढ़ती असहिष्णुता के खिलाफ पुरस्कार लौटाने के तरीके पर असहमति जताते हुए मशहूर अभिनेता कमल हासन ने कहा कि पुरस्कार वापस करना इस समस्या का कोई समाधान नहीं है क्योंकि ध्यान आकर्षित करने के और भी तरीके हैं।
चलताऊ गुंडे – मेरठिया गैंगस्टर

चलताऊ गुंडे – मेरठिया गैंगस्टर

पश्चिमी उत्तर प्रदेश का शहर मेरठ और वहां के कम पढ़े-लिखे बेरोजगार लड़के। वैसे ही जैसे खाली दिमाग शैतान का घर टाइप होते हैं। छोटी मोटी छेड़खानी और गुंडागर्दी से ही जिनका काम चलता है एक दिन उस समूह के लड़के अचानक खुद को एक बड़े गैंग के रूप में पाते हैं।
गरीबी में पूर्व बॉक्‍सर बना सफाईकर्मी, लेकिन छोड़ी नहीं आस

गरीबी में पूर्व बॉक्‍सर बना सफाईकर्मी, लेकिन छोड़ी नहीं आस

15 साल की उम्र में अभिनेता धर्मेंद्र की फिल्म मैं इंतकाम लूंगा देखकर मुक्केबाजी रिंग में उतरे कमल कुमार वाल्मीकि ने जिला और प्रदेश स्तर पर कई पदक जीते और उत्तर प्रदेश का नाम रोशन किया। लेकिन एक सफाई कर्मचारी का यह होनहार मुक्केबाज बेटा पैसों की तंगी के कारण आगे नही खेल सका और अब यह अपने मुक्केबाजी के करियर के सपनों को दफन कर रोजी रोटी के लिये 4200 रूपये प्रति माह पर कूड़ा-गंदगी उठा रहा है।
ब्रह्म कमल एक प्रेम कथा

ब्रह्म कमल एक प्रेम कथा

मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश साहित्य परिषद ने स्वराज संस्थान के सौजन्य से मुंशी प्रेमचंद जयंती पर निरंतर श्रृंखला में कथाकार स्वाति तिवारी का रचना पाठ आयोजित किया गया।
Advertisement
Advertisement
Advertisement