भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के अधिकारियों के उदासीन रवैये के कारण भारतीय हाॅकी के स्वर्णिम इतिहास की नायाब धरोहर गायब हो चुकी है और साई को महान ओलंपियन बलबीर सिंह सीनियर द्वारा 1985 में दान में दी गई यादगार धरोहरों के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
मध्य प्रदेश के हरदा इलाके में हुई दोहरी ट्रेन दुर्घटना ने एक बार फिर रेलवे की सुरक्षा की पोल खोल दी है। लंबे समय से रेलवे की पटरियों के रख-रखाव, बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा के समय ट्रेनों के परिचालन से जुड़े अहम बिंदुओं पर ध्यान देने की मांग उठती रही है, लेकिन रेल मंत्रालय की इस ओर अनदेखी जानलेवा साबित हो रही है।
ब्याज दरें तय करने के मामले में आरबीआई गवर्नर की वीटो पावर खत्म करने के मुद्दे पर आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन भी सरकार के सुर में सुर मिलाते दिख रहे हैं। राजन ने कहा है कि बेहतर होगा यदि एक व्यक्ति के बजाय कोई समिति मुख्य ब्याज दरों के बारे में फैसला करे। राजन के मुताबिक, इस मामले पर आरबीआई और सरकार के बीच कोई मतभेद नहीं है।
भारत और बांग्लादेश के बीच 162 एनक्लेव की अदला-बदली का समझौता शुक्रवार मध्यरात्रि से प्रभावी हो गया है। भारत ने इसे ऐतिहासिक दिन बताया है। आजादी के बाद से ये मुद्दा लंबित था।
30 जुलाई को दो बहुचर्चित जनाजे निकले। एक खुले समुंदर के पास रामेश्वरम में पूरे राजकीय सम्मान के साथ, तिरंगे में लिपटा। दूसरा, नागपुर केंद्रीय कारावास की कालकोठरी से निकाल फंदे पर झुला कर कब्रिस्तान के लिए रुखसत किया गया। एक सिंहासन चढ़ि चला तो एक बंधा जंजीर। काल की दो लीलाएं। मृत्यु के दो थिएटर। लेकिन एक ही देश के दो नागरिक, एक ही मजहब के दो लोग। हालांकि मृत्यु पूर्व जीवन के दो अलग-अलग रंगमंच। अब्दुल कलाम अपने रंगमंच पर भारतीय राज्य प्रतिष्ठान के हीरो और याकूब मेमन भारतीय राज्य प्रतिष्ठान का मुजरिम तो मुजरिम, विलेन भी। पहले को मौत के बाद भी मुख्यधारा जनमानस और सूचना-प्रचार तंत्र से ‘अमर रहे’ और ‘जिंदाबाद’ की विदाई। दूसरे के लिए मौत के पहले ही उसी मानस और तंत्र से ‘फांसी दो, फांसी दो’ तथा ‘मुर्दाबाद’ की गूंज जिसके आगे न्यायपालिका भी नतमस्तक हो गई।
पिछले एक वर्ष में नीतिगत रेपो दर में 25-25 बेसिस प्वाइंट्स की तीन कटौतियों की सौगात दे चुका भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) बैंकों से लोन लेने वाले ग्राहकों को इस साल की दूसरी त्रैमासिक मौद्रिक समीक्षा में शायद ही और कटौती करे।