साहित्य अकादेमी, दिल्ली ने अपने महत्वपूर्ण ‘भाषा सम्मान’ के लिए वेद-वेदांगों, महाभारत आदि पुरा महाकाव्यों के विद्वान प्रो. मधुकर अनंत मेहेंदले और डॉ. अमृत सोमेश्वर का चयन किया है। वर्ष 1996 में शुरू हुआ यह सम्मान तीन दशक पूरा कर चुका है।
इस्तीफा देने के बाद विशाल सिक्का ने कहा कि उन्होंने निदेशक मंडल और एन आर नारायणमूर्ति की अगुवाई में हाई-प्रोफाइल संस्थापकों के बीच कटुता बढ़ने के बीच इस्तीफा दिया है।
छत्तीसगढ़ी मातृभाषा की लड़ाई अब देश की राजधानी दिल्ली तक पहुंच गई है। छत्तीसगढ़िया महिला क्रांति सेना और छत्तीसगढ़ी राजभाषा मंच के सयुंक्त तत्वावधान में बुधवार को बड़ी संख्या में लोग सत्याग्रह के लिए एकजुट हुए।
अक्सर मस्जिदों में लाउडस्पीकर से अज़ान सुनने के बाद ही नमाज पढ़ी जाती है। हाल ही में केरल की एक ऐसी अनोखी मस्जिद के बारे में पता चला है, जो मूक और बधिर लोगों को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है। इस मस्जिद में हर जुमे की नमाज वे लोग भी पढ़ सकेंगे जो न तो सुन सकते हैं और न ही बोल सकते हैं।