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Search Result : "भूकंप मीडिया कवरेज"

भूकंप ने बदल दी सियासत

भूकंप ने बदल दी सियासत

काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने के बाद जब वहां के स्थानीय समाचार पत्रों पर नजर दौड़ाई तो पाया कि भूकंप की त्रासदी की चर्चा कम, संविधान की चर्चा ज्यादा है। हवाई अड्डे से बाहर निकलने के बाद बातचीत के क्रम में जब लोगों से जानना चाहा कि अब भूकंप के बाद क्या‍ स्थिति है तो लोग भूकंप की बजाय देश के संविधान पर बात ज्यादा कर रहे थे। स्थानीय लोगों के मुताबिक अगर भूकंप नहीं आता तो शायद राजनीतिक दल संविधान को लेकर इतनी जल्दी सक्रिय नहीं होते।
आपातकाल पर माफी मांगने की जरूरत नहीं: सलमान खुर्शीद

आपातकाल पर माफी मांगने की जरूरत नहीं: सलमान खुर्शीद

कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता सलमान खुर्शीद ने कहा है कि देश में आपातकाल लगाने के फैसले का बचाव करते हुए कहा है कि यह इतिहास की बात है। इसके लिए किसी को माफी मांगने की जरूरत नहीं है। और ऐसा करने से क्‍या बदल जाएगा?
म्‍यांमार हमले की फर्जी तस्‍वीर मीडिया में वायरल !

म्‍यांमार हमले की फर्जी तस्‍वीर मीडिया में वायरल !

सोशल मीडिया ही नहीं मुख्‍यधारा के मीडिया में भी कई पुरानी तस्‍वीरों को म्‍यांमार सीमा पर हुई सैन्‍य कार्रवाई की तस्‍वीरों के तौर प्रचारित किया जा रहा था। लेकिन इन कोशिशों की पोल जल्‍द ही खुल गई।
सम्प्रति वार्ताः श्रूयन्ताम्!

सम्प्रति वार्ताः श्रूयन्ताम्!

दूरदर्शन द्वारा संस्कृत-समाचार प्रसारण की अवधि बढ़ाने के निर्णय पर कोई खास आश्चर्य नहीं हुआ, क्योंकि संस्कृत मोदी सरकार के एजेंडे में है। इस निर्णय का निहितार्थ भी आसानी से समझ में आने वाला है, इसलिए इस पर सवाल भी उठेंगे ही। इस ऐलान के बाद लोगों के जेहन में सबसे पहला सवाल तो यह है कि संस्कृत में न्यूज बुलेटिनों और समाचार-चर्चा के कार्यक्रमों का दर्शक या श्रोता वर्ग कौन है? दूसरा सवाल यह है कि देश में कितने लोग ऐसे होंगे जो वास्तव में संस्कृत माध्यमों से इन कार्यक्रमों की बाट जोह रहे हैं? ये महज शोशा है या इसकी कोई ठोस जरूरत है?
फेसबुक पर खुली फ्लिपकार्ट के डिस्‍काउंट की पोल

फेसबुक पर खुली फ्लिपकार्ट के डिस्‍काउंट की पोल

ई-काॅमर्स में धूम मचाने वाली फ्लिपकार्ट डिस्‍काउंट के नाम पर हेरा-फेरी की वजह से सोशल मीडिया के निशाने पर आ गई है। आराेप है कि फ्लिपकार्ट डिस्‍काउंट देने के नाम पर प्रोडक्‍ट की कीमत बढ़ा-चढ़ाकर बता रही है और खरीदारों को गुमराह किया जा रहा है। बिग बिलियन सेल के दौरान भी कंपनी पर इस तरह के आरोप लगे थे।
'रामदेव की मैगी' को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म

'रामदेव की मैगी' को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म

बाजार तरह-तरह के फास्ट फूड से अटे पड़े हैं। रेडीमेट रोटियों से लेकर रेडी-टू-ईट दाल-सब्जी। स्नैक्स का तो अंत नहीं। लेकिन सभी के बीच लोकप्रियता का जो सिंहासन मैगी को मयस्सर था वह किसी और को नहीं। मैगी में हानिकारक सीसा की मात्रा ज्यादा होने की खबर क्या आई, 1300 करोड़ का मैगी का बाजार धड़ाम से औंधे मुंह गिर गया। ऐसे में कुछ लोगों की भावनाएं आहत हुईं तो किसी ने मैगी से जुड़ी यादें ताजा कीं। किसी ने चुटकले बना डाले तो किसी को इसके पीछे राजनीति लगी। कई लोग इस विवाद के पीछे बाबा रामदेव की मैगी लांच होने की अटकलें लगा रहे हैं। अचानक से सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर स्वास्थ्यवर्धक जानकारियों का भी रेला आ गया-
पंजाब सरकार अब सोशल मीडिया पर

पंजाब सरकार अब सोशल मीडिया पर

पंजाब सरकार ने सोशल मीडिया द्वारा राज्यों के लोगों से जुड़ने का फैसला किया है। इसके पीछे कारण है कि प्रदेश की जनता तक सरकार की योजनाएं पहुंचाई जा सकें और आम लोगों से सीधे बातचीत की जा सके। सरकार फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब और वर्डप्रेस जैसे लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अपनी बात रखेगी और जनता से मुखातिब होगी।
मुख्यधारा का मीडिया भी फैला रहा है अफवाह

मुख्यधारा का मीडिया भी फैला रहा है अफवाह

सोशल मीडिया का इस्तेमाल किस प्रकार अफवाहें फैलाने के लिए किया जाता है यह हम अतीत में देख चुके हैं मगर अब मुख्यधारा का मीडिया भी इस प्रकार की गतिविधियों में लिप्त हो जाए तो लोगों को और अधिक सावधान रहने की जरूरत है।
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