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मार्च फॉर इंडिया: इस विरोध के मायने क्या हैं

मार्च फॉर इंडिया: इस विरोध के मायने क्या हैं

इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक एक हुजूम नारे लगाता चल रहा है। इसे सोशल मीडिया ने कलबुर्गी-पानसरे की हत्या के पक्ष में भी देखा। लेकिन वहां ‘राष्ट्रवादियों’ ‘संघियों’ और ‘भक्तों’ के अलावा भी कई लोग भारत के लिए आए थे।
तुर्की में एक दलीय शासन की वापसी

तुर्की में एक दलीय शासन की वापसी

तुर्की में राष्ट्रपति रीसेप तयैप अरडोगन के नेतृत्व वाली जस्टिस एंड डेवलपमेंट पार्टी (एकेपी) को बड़ी जीत मिली है। इसके साथ ही तुर्की में एक बार फिर से एकल पार्टी शासन की वापसी हो गई है।
ईंट भट्टों में जारी बंधुआ मजदूरी

ईंट भट्टों में जारी बंधुआ मजदूरी

आज भी लाखों-करोड़ों लोग गुलामी की जंजीरों में जकड़े हुए हैं, इस बात को स्वीकार करते हुए और लोगों में इसके खिलाफ जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से इंग्लैंड 18 अक्टूबर के दिन को दासता विरोधी दिवस के तौर पर मनाता है। इस साल इसमें मुख्य एजेंडा आधुनिक दासता और मानव तस्करी को खत्म करना था। वाक फ्री की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में विश्व के सबसे ज्यादा बधुआ मजदूर हैं और भारत के ईंट भट्टे में बंधुआ मजदूरी करवाई जाती है। भारत को भी अपने तमाम पारंपरिक और आधुनिक गुलामी के तरीकों के विरुद्ध एक दिन समर्पित करना चाहिए।
रहस्य नहीं रहेगा तारों का चुंबकीय क्षेत्र

रहस्य नहीं रहेगा तारों का चुंबकीय क्षेत्र

वैज्ञानिकों ने पहली बार ऐसा तरीका इजाद किया है जिसमें मेडिकल अल्ट्रासाउंड जैसी एक तकनीक का इस्तेमाल कर कंपायमान विशालकाय तारों के भीतर चुंबकीय क्षेत्र की मौजूदगी का पता लगाया जा सकता है।
भारतीय पौराणिक कथाएं

भारतीय पौराणिक कथाएं

डॉक्टर देवदत्त पट्टनायक भारतीय पुराणों, उपनिषदों पर लगातार काम करते रहे हैं। जल्द ही उनकी दो नई पुस्तकें इसी विधा पर आने वाली हैं। अपनी पुस्तक में वह उन कथाओं को समेटते हैं, जो अब लोगों के मस्तिष्क से मिट गई हैं। मिथक और पौराणिक कहानियों के बीच वह संतुलन बनाते हुए कालातीत हुए किस्से लिखना उनकी खूबी है। उनकी पुस्तक भारतीय पौराणिक कथाएं के अध्याय 3 – पुराकथा-निर्माण : पुराकथाओं का रूपान्तरण के अंश।
समाज का चितेरा

समाज का चितेरा

सामाजिक ताना-बाना समझना किसी के लिए भी आसान नहीं है। इस जटिलता को भी असगर वजाहत ने बहुत अच्छी तरह न सिर्फ समझा बल्कि उसे बयान करने का शिल्प भी कमाल का है। यह शब्द जाने-माने साहित्यकार सर्वेश्वर दयाल सक्सेना के हैं, जो उन्होंने असगर वजाहत की कहानियों को पढ़ने के बाद कहे थे।
नेहरू के दौर में भ्रष्टाचार

नेहरू के दौर में भ्रष्टाचार

भारत सरकार में इंटेलीजेंस ब्यूरो के पूर्व अधिकारी और विवेकानंद फाउंडेशन के फेलो आरएनपी सिंह को खुफिया से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में गहरा अनुभव है। उनकी राइट्स एंड रांग्स, बांग्लादेश डिकोडेड और हिंदी में दो पुस्तकें बहुत चर्चित रहीं। नेहरू: ए ट्रबल्ड लीगेसी से उन्होंने कुछ मौलिक सवाल उठाए हैं: क्या हमने कभी नेहरू के बारे में ईमानदारी से मूल्यांकन किया है और इस प्रभाव में क्या हमने देश के समकालीन इतिहास का निष्पक्ष मूल्यांकन किया है? इस पुस्तक में नेहरू के सिद्धांतवाद या अपने हित में दोहरे मानदंड अपनाने पर सवाल उठाए गए हैं।
इस दिवाली से नई दुल्हन-सी लगेंगी ट्रेनें

इस दिवाली से नई दुल्हन-सी लगेंगी ट्रेनें

दिवाली में इस बार भारत रेलयात्रियों को ट्रेनों की नई रूपसज्जा चौंका सकती है। भारतीय रेल ने इस दिवाली से कई दशक पुराने और जीर्ण-शीर्ण डिब्बों की जगह नए अंदाज और नए रंगों वाले डिब्बे जोड़ने की तैयारी कर ली है।
नए अंदाज में आगाज

नए अंदाज में आगाज

सफलता नए विचारों से इतर भी कई चीजों में निहित है। कुछ सफल उद्यमियों का सफर आैर अनुभव पेश है
फीफा ने वार्नर पर आजीवन पाबंदी लगाई

फीफा ने वार्नर पर आजीवन पाबंदी लगाई

फीफा के पूर्व उपाध्यक्ष जैक वार्नर फुटबाल से जुड़ी सभी गतिविधियों से आजीवन प्रतिबंधित कर दिया गया है। फीफा की नैतिक समिति ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
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