मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार पर अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठी मेधा पाटकर को अस्पताल ले जाने के लिए पुलिस को ‘कील लगे डंडे’ के साथ भेजने के आरोप लग रहे हैं।
किसान आंदोलन की ताप से मध्य प्रदेश में सत्ता वापसी की आस लगाए बैठी कांग्रेस पार्टी में 'सीएम प्राजेक्ट' को लेकर रस्साकशी का दौर शुरू हो चुका है। बीते दिनों कांग्रेस के दिग्गजों ने जो दांव खेला है, वह थोड़ा चौकाता जरूर है, लेकिन अप्रत्याशित नहीं है।
सड़कें हम सबको जोड़ती हैं। सड़कें हमें हमारी मंजिलों तक बड़ी आसानी से पहुंचाती हैं। लेकिन सड़कों पर उभर आए ये गड्ढे आज परेशानी की वजह बन गए हैं। ये गड्ढे ना सिर्फ हमें हमारे मकाम तक पहुंचने में बाधक बन रहे हैं बल्कि जिंदगी को निगलने वाली गहरी मौत की खाई भी साबित हो रहे हैं।
मध्य प्रदेश सरकार जल्द ही एक दिलचस्प पहल की शुरूआत करने जा रही है। सरकार की तरफ से की जाने वाली ये पहल लोगों की परेशानियों को दूर करने को लेकर है। जिस तरह बीमार व्यक्ति इलाज के लिए अस्पतालों के ओपीडी में जाते हैं, उसी तरह किस्मत की परेशानी दूर करने के लिए लोग एस्ट्रो-ओपीडी का उपयोग कर सकते हैं।
मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन की चमक से कांग्रेस नवंबर 2018 विधान सभा चुनाव में कितनी लहलहाएगी, यह तो कहना मुश्किल है, लेकिन सोमवार को आयोजित कांग्रेस के किसान एवं युवा क्रांति सम्मेलन के द्वारा पार्टी अपनी पस्तहाल नसों में कांग्रेसी खून का प्रवाह की राह पर चल पड़ी है।
किसान कर्ज माफी मामले के बाद एक बार फिर मध्य प्रदेश सुर्खियों में आ गया है। इस बार प्रदेश के चर्चा में बने रहने की वजह कोई और नहीं बल्कि सरकारी मंडियों में बदइंतजामी का आलम है।