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Search Result : "ममता बनर्जी का रोडशो"

चर्चाः ‘चीयर्स’ सरकार के नाम | आलोक मेहता

चर्चाः ‘चीयर्स’ सरकार के नाम | आलोक मेहता

आईपीएल क्रिकेट में ‘चीयर्स गर्ल्स’ का आकर्षण जुड़ा होता है। इससे दर्शकों में उत्साह दुगुना होता है। इस बार आईपीएल से ज्यादा ‘चीयर्स शो’ बड़े-बड़े नेता, मंत्री, मुख्यमंत्री, अफसर, व्यापारी जोर-शोर से कर रहे हैं।
एक्सक्लूसिव- विशेष पैकेज से ममता व जया के साथ की जुगत

एक्सक्लूसिव- विशेष पैकेज से ममता व जया के साथ की जुगत

बंगाल की मुख्यमंत्री के तौर पर ममता बनर्जी और उनके नए कैबिनेट सहयोगी 27 मई को जब शपथ लेंगे, तब उस समारोह में केन्द्रीय संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू भी मौजूद रहेंगे। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रतिनिधि के तौर पर वहां जाएंगे। शपथ ग्रहण के 48 घंटा पहले कोलकाता से सटे न्यू टाउन को ‘स्मार्ट सिटी` की लिस्ट में शामिल कर केंद्र सरकार ने ममता बनर्जी संकेत तो दे ही दिया है। माना जा रहा है कि यह तो अभी शुरुआत है। अगले कुछ दिनों में बंगाल में केंद्र की ओर से विशेष पैकेज की झड़ी लगने वाली है। यह स्थिति बंगाल के साथ ही नहीं, तमिलनाडु के साथ भी रहने वाली है।
शपथ ग्रहण के पहले ही राज्यपाल और विपक्ष के साथ टकराव के रास्ते पर ममता

शपथ ग्रहण के पहले ही राज्यपाल और विपक्ष के साथ टकराव के रास्ते पर ममता

जीत का जश्न अभी थमा भी नहीं कि बंगाल में राजनीतिक हिंसा के मुद्दे पर विपक्ष ने सरगर्मी तेज कर दी है। इस मुद्दे पर विपक्ष के साथ ही राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी के साथ भी टकराव के रास्ते पर हैं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर राजनीतिक हिंसा की घटनाओं पर चिंता जताई है और उन्हें कहा है कि पुलिस को संयत रहकर और निष्पक्ष होकर काम करने का निर्देश दें। उधर, विपक्षी कांग्रेस और वाममोर्चा गठबंधन ने ममता बनर्जी के शपथ ग्रहण समारोह का बॉयकॉट करने का ऐलान किया है। ममता बनर्जी 27 मई को राजभवन में शपथ लेंगी।
कमजोर होती कांग्रेस का विकल्प बनेगा तीसरा मोर्चा

कमजोर होती कांग्रेस का विकल्प बनेगा तीसरा मोर्चा

उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों के लिए जब कांग्रेस कार्यकर्ताओं से आवेदन मांगे जा रहे थे तो कई सीटों के लिए आवेदन ही नहीं आए। जो आए भी उनमें ज्यादातर खानापूर्ति के लिए थे अगर टिकट मिल गया तो चुनाव लड़ जाएंगे। कुल सीटों के लिए कांग्रेस से टिकट पाने वाले गंभीर उम्मीदवारों की संख्या‍ महज सौ के आसपास है जो वास्तव में पार्टी के प्रति अपनी आस्था जताते हुए चुनाव लडऩा चाहते हैं।
मनमोहन सिंह के सलाहकार ने सोनिया मुक्त कांग्रेस की सलाह दी

मनमोहन सिंह के सलाहकार ने सोनिया मुक्त कांग्रेस की सलाह दी

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के प्रेस सलाहकार रह चुके सबसे नजदीकी संजय बारू ने सुझाव दिया कि है कि अगर कांग्रेस को मजबूत करना है तो पार्टी को सोनिया मुक्त करना होगा। साथ ही कभी पार्टी के साथ रहे ममता बनर्जी, शरद पवार, जीके वासन और जगन मोहन रेड्डी को साथ लेकर चलना होगा।
नीतिश का ममता, जया को तीसरे मोर्चे को समर्थन देने का आग्रह

नीतिश का ममता, जया को तीसरे मोर्चे को समर्थन देने का आग्रह

पांच राज्यों के चुनावी नतीजों के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने कांग्रेस मुक्त भारत के जवाब में फिर से संघ मुक्त भारत का नारा दिया है। नीतिश कुमार का कहना है कि जो लोग संघ की विचारधारा से सहमत नहीं हैं, उसका समर्थन नहीं करते हैं, उन्हें एक साथ आ जाना चाहिए। नीतिश ने चुनावी नतीजों के बाद ममता बनर्जी और जयललिता दोनों से बात की और तीसरे मोर्चे को समर्थन देने का आग्रह किया।
बंगाल में ममता की आंधी, केरल ने वामो के घावों पर मरहम लगाया

बंगाल में ममता की आंधी, केरल ने वामो के घावों पर मरहम लगाया

ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस की आंधी में कांग्रेस और वाममोर्चा उखड़ गए हैं। भारतीय जनता पार्टी ने अनुमान से बेहतर प्रदर्शन किया है। तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस को मिले वोटों का प्रतिशत बढ़ा है। भारतीय जनता पार्टी ने वाममोर्चा के वोटों में सेंध लगाई है। कई इलाकों में भारतीय जनता पार्टी के वोट तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों के खाते में ट्रांसफर हुए हैं।
रुझान: दीदी-अम्मा की वापसी, असम में खिला कमल और केरल में लाल सलाम

रुझान: दीदी-अम्मा की वापसी, असम में खिला कमल और केरल में लाल सलाम

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में मतगणना के प्रारंभिक रूझानों में ममता बनर्जी नीत तृणमूल कांग्रेस अपने प्रतिद्वंद्वी वाममोर्चा-कांग्रेस गठबंधन से काफी आगे चल रही है जबकि असम में भाजपा बढ़त बनाए हुए है। तमिलनाडु में जयललिता की अन्नाद्रमुक और केरल में वाममोर्चा गठबंधन एलडीएफ आगे चल रहा है।
कूचबिहार के रिसोर्ट से अचानक क्यों निकल गईं ममता

कूचबिहार के रिसोर्ट से अचानक क्यों निकल गईं ममता

कूचबिहार के चालसा के जिस रिसोर्ट में रुककर मतदान के आखिरी चरण पर नजर रही थीं, वहां से अचानक वे निकल गईं। राजनीति में `अनप्रेडिक्टेबल’ कही जाने वाली ममता बनर्जी ने अपने स्वभाव के अनुसार यह कदम नहीं उठाया। बल्कि, वहां चुनाव पर्यवेक्षक के पहुंचने और कांग्रेस के नेताओं द्वारा उस रिसोर्ट के प्रबंधकों को बार-बार फोन किए जाने के चलते दीदी वहां से बगैर किसी को जानकारी दिए निकल गईं।
आखिर की सिर्फ 25 सीटों ने भी ममता की नींद उड़ाई

आखिर की सिर्फ 25 सीटों ने भी ममता की नींद उड़ाई

शुरू में ममता बनर्जी ने योजना बनाई थी कि चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद कम से कम हफ्ता भर के लिए दीघा जाएंगी। समुद्र के किनारे छुट्टियां बिताएंगी। मतगणना होने तक वहीं से शासन चलाएंगी। लेकिन आखिरी वक्त में योजना बदल दी। वे कूचबिहार के चालसा के रिसोर्ट चली गईं। वहां से गुरुवार को बंगाल में आखिरी चरण के मतदान के दौरान राजनीतिक रूप से दांव पर लगी सीटों पर व्यक्तिगत रूप से खोज-खबर लेती रहीं। खासकर, उनकी नजर कूचबिहार की नौ और पूर्व मेदिनीपुर की 16 सीटों पर रहीं। इन सीटों पर तृणमूल कांग्रेस की प्रतिष्ठा दांव पर है।
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