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नेपाल के शीर्षस्थों को चेतावनी की घंटी

नेपाल के शीर्षस्थों को चेतावनी की घंटी

नेपाल में क्षमता है कि वह दक्षिण एशिया के राष्ट्र-राज्यों के लिए एक उदाहरण बन सके। लेकिन यदि गहरे इतिहास को छोड़ दें तो आधुनिक युग में निरंतर राजनीतिक और प्राकृतिक दुर्घटनाओं ने नेपाल के लोगों के उत्साह और प्रयासों पर पानी फेरा है। इस साल 2015 में नेपाल का महाभूकंप इस देश के लिए एक अवसर प्रदान करता है।
गहरे संकट से भिड़ना होगा वाम को

गहरे संकट से भिड़ना होगा वाम को

सीताराम येचुरी भारतीय वामपंथी आंदोलन के एक जाने-माने चेहरा हैं। हिंदी, अंग्रेजी, तेलुगु, बांग्ला भाषा में मजबूत पकड़ रखने के साथ एक-दो और भाषाओं के ज्ञाता है 62 वर्षीय येचुरी। मिलनसार स्वभाव वाले इस मृदुभाषी वाम नेता के कंधों पर भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की गहरे संकट में फंसी नाव को निकालने की जिम्मेदारी है।
नेपाल में बंद, प्रचंड की बेटी गिरफ्तार

नेपाल में बंद, प्रचंड की बेटी गिरफ्तार

नेपाल में 19 पार्टियों के गठबंधन के राष्ट्रव्यापी बंद के कारण मंगलवार को जनजीवन थम सा गया और इस दौरान माओवादी प्रमुख प्रचंड की बेटी सहित कम से कम 23 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
बीएसएनएल करेगा 1,000 करोड़ रुपये निवेश

बीएसएनएल करेगा 1,000 करोड़ रुपये निवेश

सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल ने 1,000 करोड़ रुपये की निवेश योजना की शुरुआत की है। इसके तहत स्काइप सुविधा की पेशकश व पर्यटन स्थलों पर वाई-फाई हॉट स्पॉट लगाना शामिल है।
फिलहाल हथियार नहीं उठाएंगे नेपाली माओवादी

फिलहाल हथियार नहीं उठाएंगे नेपाली माओवादी

नेपाल में नया गणतांत्रिक संविधान बनाने की प्रक्रिया राजनीतिक पार्टियों के दांव-पेंच में उलझी पड़ी है। मुख्य तौर पर नेपाली कांग्रेस, कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) और माओवादियों के बीच नये संविधान को लेकर कुछ गहरी असहमतियां हैं। नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री और यूनीफाइड कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओवादी) के नेता बाबू राम भट्टाराई ने भारत यात्रा के दौरान एक बातचीत में अपनी पार्टी का पक्ष आउटलुक के सामने रखा।
संविधान तलाशता नेपाल

संविधान तलाशता नेपाल

छह साल से ज़्यादा वक़्त बीतने के बाद भी नेपाल में स्थाई संविधान बनने की सूरत नज़र नहीं आ रही है. बाईस जनवरी को संविधान निर्माण की तय समय सीमा के खत्म होने के बाद वहां राजनीतिक संकट और गहरा गया है। इसके दो दिन पहले मतभेद के चलते संसद में मारपीट तक की नौबत आ गई।