केन्द्र का कहना है, “सवाल यह है कि ऐसी परिस्थिति में अदालत किन साक्ष्यों को आधार बनाएगी, क्योंकि पति और पत्नी के बीच यौन संबंध का कोई अंतिम साक्ष्य नहीं हो सकता।”
उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी में मानवता एक बार फिर शर्मसार हुई। जिला अस्पताल में शव वाहन न मिलने के कारण मामा को सात महीने की भांजी का शव साइकिल पर ही घर लाना पड़। लगातार बढ़ती इस तरह की घटनाएं व्यवस्था की संवेदनहीनता को उजागर करती हैं।
उत्तर प्रदेश में सरेराह बढ़ रही बलात्कार,छेड़छाड़ की घटना अब सड़क से होकर ट्रेन तक पहुंच गई है। लखनऊ से चंडीगढ़ जा रही एक ट्रेन में बलात्कार की घटना सामने आई है। एक जीआरपी के जवान द्वारा कथित रेप को अंजाम दिया गया।