शीर्ष अमेरिकी सांसदों ने पाकिस्तान को आठ एफ-16 लड़ाकू जेट विमान बेचने के ओबामा प्रशासन के फैसले पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि इन विमानों का इस्तेमाल आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में नहीं, बल्कि भारत के खिलाफ किया जा सकता है। उन्होंने इस संबंध में ओबामा प्रशासन से अपने फैसले की समीक्षा करने का अनुरोध किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिका की उनकी यात्रा के दौरान आठ जून को अमेरिकी कांग्रेस की एक संयुक्त बैठक को संबोधित करने का न्योता दिया गया है। हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव के स्पीकर पॉल रियान ने आज यह जानकारी दी। रियान ने अपने साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, अमेरिका और भारत की दोस्ती दुनिया के एक महत्वपूर्ण क्षेत्र में स्थिरता का स्तंभ है।
दूसरे विश्वयुद्ध को 71 साल बीत चुके हैं और दुनिया के लोग जापान के उन दो शहरों की पीड़ा भी शायद भूल चुके हैं जिन्होंने उस युद्ध की सबसे भयानक त्रासदी अपने सीने पर झेली थी। दुनिया में पहली बार परमाणु बम का हमला जापान के हिरोशिमा शहर पर हुआ था जिसमें करीब 1 लाख 40 हजार लोग मारे गए थे। इसके बाद नागाशाकी पर परमाणु हमले ने युद्ध को पूरी तरह समाप्त कर दिया था।
बराक ओबामा और नरेंद्र मोदी की वाशिंगटन बैठकों के फोटो इस तरह प्रचारित हुए, जैसे उनकी तरह के मित्र दुनिया में नहीं हैं। लेकिन परमाणु सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए नरेंद्र भाई के ‘फ्रेंड’ बराक ने अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में एक बार फिर भारत को पाकिस्तान की श्रेणी में खड़ा कर दिया।
पाकिस्तान पर परोक्ष निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाशिंगटन में कहा कि परमाणु तस्करों और आतंकियों के साथ मिलकर काम करने वाले सरकारी तत्व परमाणु सुरक्षा पर मंडराने वाला सबसे बड़ा खतरा हैं। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने इस धारणा को भी छोड़ने की अपील की, जिसमें माना जाता है कि उसका आतंकी मेरा आतंकी नहीं है।
एक ओर जहां क्षेत्रीय नेता प्योंगयांग के परमाणु हथियार कार्यक्रम के खतरे पर चर्चा करने के लिए वाशिंगटन में एकत्र हुए हैं, वहीं दूसरी ओर दक्षिण कोरिया के अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि उत्तर कोरिया ने आज अपने पूर्वी तट के पास से एक और छोटी दूरी की मिसाइल दागी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय परमाणु सुरक्षा सम्मेलन में भाग लेने के लिए आज सुबह वाशिंगटन पहुंचे। इस सम्मेलन में करीब 50 देशों के शीर्ष नेता परमाणु हथियारों और सामग्री के खतरे के आकलन और इस बारे में विचार साझा करेंगे।
ओबामा प्रशासन ने कहा है कि अमेरिका पाकिस्तान के भीतर तालिबान की हरकतों और अभियानों पर नजर रखे हुए है। तालिबान के एक धड़े द्वारा ईस्टर के अवसर पर लाहौर में की गई बमबारी के कुछ दिन बाद ओबामा प्रशासन ने यह बात कही है। इस हमले में 74 लोग मारे गए थे।
मुस्लिम पड़ोसियों पर नजर रखने की मांग करने वाले टेड क्रूज की अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कड़ी आलोचना की है। उन्होंने क्रूज की आलोचना करते हुए कहा कि यह आईएसआईएस को हराने में मदद नहीं करेगा।