राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने पिछले 91 वर्षों से अपनी पहचान रही खाकी निकर को छोड़कर अब अपने स्वयंसेवकों के लिए भूरे रंग की पतलून को गणवेश के रूप में मान्यता दे दी है।
हरियाणा के हिसार, हांसी और भिवानी शहरों में आज भी कर्फ्यू लगा हुआ है जबकि जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा से सर्वाधिक प्रभावित रोहतक जिले में कर्फ्यू में चार घंटे की ढील दी गई। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रोहतक का दौरा किया जहां हिंसक स्थिति को रोकने में पुलिस की विफलता के विरोध में गुस्साए लोगों ने उनका घेराव किया।
मंगलवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर हिंसा पीड़ितों से मिलने पहुंचे तो उन्हें लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा। लोगों ने सीएम मुर्दाबाद और वापस जाओ के नारे लगाए। उन्हें काले झंडे भी दिखाए। हालात इतने खराब हो गए की खट्टर को बिना भाषण दिए ही लौटना पड़ा। गौरतलब है कि हरियाणा में आरक्षण की मांग को लेकर बीते 9 दिनों से जाट समुदाय आंदोलन पर हैं।
हरियाणा में आरक्षण के लिए आंदोलनरत जाटों ने आज भी कई जगहों पर हिंसा की घटनाओं को अंजाम दिया। भीड़ ने ताजा घटनाक्रम में सुरक्षाकर्मियों पर पथराव करने के साथ ही कई सरकारी वाहनों में आग लगा दी। आंदोलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर अब 16 तक पहुंच गई है।
विरोध, प्रदर्शन, आंदोलन, लोकतंत्र में अनुचित नहीं माने जाते। लेकिन अपने खेत-खलिहान-घर-आंगन को सुरक्षित रखने के साथ मासूम बच्चों के स्कूलों, बीमार और घायलों का उपचार करने वाले अस्पतालों, गांव से कस्बों तक पहंुचाने वाली बसों अथवा जानमाल की सुरक्षा के लिए बनाए गए थानों को आग लगाने के बजाय सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी भी तो समाज की है।
आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे जाटों का आंदोलन शुक्रवार को हिंसक हो जाने से एक व्यक्ति की मौत हो गई और 21 लोग घायल भी हो गए। हिंसा पर उतारू भीड़ ने राज्य के वित्त मंत्री के मकान पर हमला बोल दिया और आगजनी की।
हरियाणा में जाट आरक्षण को लेकर चल रहे आंदोलन के स्थायी समाधान के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई। बैठक में सर्वसम्मति से आंदोलन खत्म करने की अपील की गई। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने विधानसभा के आगामी बजट सत्र में इस मुद्दे पर बिल लाने का भी आश्वासन दिया।
सियाचिन ग्लेशियर में एक सप्ताह पहले बर्फ खिसकने से 30 फुट नीचे दबे रहने के बाद जीवित निकाले गए लांस नायक हनमंथप्पा कोप्पाड का दिल्ली के सैन्य अस्पताल में जीवन के लिए संघर्ष जारी है। अस्पताल के अनुसार कोप्पाड कोमा में हैं और उनकी हालत अत्यंत गंभीर बनी हुई है। अगले 24 से 48 घंटे काफी कठिन रहने का अनुमान है।