22 नवंबर को होने जा रही आईआईएफटी (इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ फॉरेन ट्रेड) की प्रवेश परीक्षा में हजारों अभ्यर्थी भाग लेने जा रहे हैं लेकिन सबसे बड़ी कठिनाई कट-ऑफ लिस्ट को लेकर होती है। पिछले तीन साल के दौरान कट-ऑफ 48 से 36 के बीच रही है। ऐसे में छात्रों के सामने सबसे मुश्किल होता है कि अगर कट-ऑफ निकाल भी लिया तो अगले चरण में कैसे सफल हो यह मुश्किल हो जाता है।
पेरिस हमले के बाद अमेरिका पर भी आतंकी हमले का भय दिखाकर अब वहां मुस्लिमों पर कड़ी निगरानी की बातें जोर पकड़ने लगी हैं। रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की दावेदारी की दौड़ में आगे चल रहे डोनाल्ड ट्रंप ने सीधे-सीधे यह कहा है कि यदि वे राष्ट्रपति चुने गए तो देश को आतंकवाद से बचाने के लिए अमेरिका में मुस्लिमों के डेटाबेस की व्यवस्था को निश्चित तौर पर लागू करेंगे।
पंजाब के स्कूली छात्र अब बेहतर अंग्रेजी बोलना सीखेंगे। तीन सदस्यीय ब्रिटिश शिष्टमंडल और पंजाब के शिक्षा मंत्री डॉ.दलजीत सिंह चीमा के बीच आज हुई मुलाकात में इस पर बातचीत की गई। ब्रिटिश शिष्टमंडल में नई दिल्ली स्थित ब्रिटिश उचायुक्त के सचिव ऊर्जा, वातावरण तथा विकास यूनिट फरांसेज हुपर, चंडीगढ़ स्थित ब्रिटिश डिप्टी हाई कमिश्नर डेविड लेलीअट और एनर्जी एंड लोअ कार्बन ग्रोथ एडवाईजर जावेद माला थे।
मुस्लिमों को ऑस्ट्रेलिया में प्रतिनिधित्व उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पश्चिमी सिडनी में एक नई राजनीतिक पार्टी का गठन किया गया है। इस पार्टी को दि ऑस्ट्रेलियन मुस्लिम पार्टी नाम दिया गया है।
साहित्यकारों के बाद अब फिल्मकारों ने भी पुरस्कार लौटाने शुरू कर दिए हैं। देश में बढ़ती असहिष्णुता और एफटीआईआई के मुद्दे पर दिबाकर बनर्जी और आनंद पटवर्धन समेत 10 फिल्मकारों ने अपना राष्ट्रीय पुरस्कार लौटा दिया है।
ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में चीन और अमेरिका से आने वाले छात्रों के बाद तीसरा स्थान भारतीय छात्रों का है जो ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान कर रहे हैं। एक ताजा रपट में यह जानकारी दी गई है।
फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पद से अभिनेता गजेंद्र चौहान को हटाने की छात्रों की मांग को लेकर 100 दिन से अधिक समय से जारी गतिरोध समाप्त करने में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधिकारियों और एफटीआईआई छात्रों के बीच आज ताजा दौर की बैठक असफल रही।
हाल ही में दिल्ली से सटे दादरी में हुई हिंसा समेत देश भर में अल्पसंख्यकों और दलितों पर हो रहे हमलों के खिलाफ मुस्लिम और नागरिक अधिकार संगठनों ने एकजुट होकर कहा ‘फासीवादी ताकतों के खिलाफ मरते-मरते भी लड़ाई जारी रखेंगे लेकिन इंशा अल्लाह मुल्क नहीं बंटने देंगे।’ मौका था जंतर-मंतर पर सांप्रदायिक और जातिगत हमलों के खिलाफ आयोजित प्रदर्शन का। गौरतलब है कि बीते दिनों दादरी में अखलाक अहमद नामक व्यक्ति के घर में गोमांस होने की अफवाह फैलाई गई, जिसके बाद हिंदू कट्टरपंथियों की भीड़ ने पीट-पीट कर अखलाक को मार दिया और उनके बेटे दानिश को बुरी तरह से घायल कर दिया।