पिछले दिनों प्रसिद्ध साहित्यकार और नाच्यो मैं बहुत गोपाल, सुहाग के नुपूर जैसी कालजयी कृतियां लिखने वाले अमृतलाल नागर की 99 वीं बरसी पर बालेंदु शेखर मंगल मूर्त्ति ने उनके साथ बिताए पलों को साझा किया।
दो काव्य-संग्रह, नदी के पार नदी (2002), नेशनल पब्लिशिंग हाउस, नई दिल्ली, मैं सड़क हूं (2011), बोधि प्रकाशन, जयपुर से प्रकाशित। देश की सभी महत्वपूर्ण पत्र-पत्रिकाओं में कविताएं,आलेख,समीक्षाएं प्रकाशित। कुछ संपादित संग्रहों में कविताओं का चयन। हिंदी समय, (महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा) पर काव्य संग्रह' मैं सड़क हूं' की ई पुस्तक सहित कई कविताएं शामिल। कुछ कहानियां/लघु-कथाएं प्रकाशित। दूरदर्शन/आकाशवाणी से कविताओं/कहानियों का प्रसारण।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपनी बढ़ती उम्र का हवाला देते हुए कहा कि मैं धीरे-धीरे उम्र दराज हो रही हूूं। सोमवार को सोनिया गांधी ने इफ्तार पार्टी दिया था जिसमें राजनीति के दिग्गजों का जमावड़ा लगा हुआ था। इस दौरान बातचीत में सोनिया गांधी ने अपनी बढ़ती उम्र का हवाला दिया।
अपने देश के चरमपंथियों की ओर से मौत की धमकियां मिलने के बाद अमेरिका जा चुकी विवादास्पद बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने कहा कि उन्होंने भारत को स्थायी तौर पर नहीं छोड़ा है और जब उन्हें सुरक्षित महसूस होगा, वह लौट आएंगी।
‘गब्बर इज बैक’ का दर्शकों के साथ अक्षय को भी बेसब्री से इंतजार है। अक्षय की प्रतिष्ठा इस फिल्म के साथ जुड़ी हुई है। फिल्म के प्रदर्शन से पहले इससे जुड़ी खबरें तरह-तरह से सामने आती हैं
जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी पर जो टिप्पणी की वह संसद के गलियारे में चर्चा का विषय बन गया। दरअसल महिलाओं के खिलाफ विवादित टिप्पणी को लेकर आलोचना का सामना कर रहे शरद यादव अपने बयान से पीछे हटने को तैयार नहीं हुए और कहा कि वह इस मुद्दे पर बहस के लिए तैयार हैं।
चुनावों में शानदार जीत के बाद आम आदमी पार्टी में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहे। हर दिन नया खुलासा। अब आप के भीतर चल रही उठापटक के बीच प्रशांत भूषण द्वारा पार्टी की पीएसी को पिछले साल भेजा गया एक ई-मेल सामने आया है, जिसमें उन्होंने उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया पर नाखुशी जताई थी। उन्होंने कहा था कि वह पार्टी का फैसला करने वाले शीर्ष निकाय में रबर स्टांप नहीं रहेंगे।
इंडिया हार्मोनी फाउंडेशन ने दिल्ली में चिश्ती इंडिया हार्मोनी अवॉर्ड के अवसर पर शोले, दीवार जैसी फिल्मों के पटकथा लेखक सलीम खान ने दिल खोल कर बात की। धर्म पर, अपने लेखन पर
मेडोना का मानना है कि हम अभी भी ऐसे समाज में रह रहे हैं, जहां उम्र के आधार पर भेदभाव किया जाता है। हालांकि ऐसा सिर्फ महिलाओं के मामले में होता है, पुरूषों के मामले में नहीं।