मैगी विवाद से उबरने के बाद नेस्ले इंडिया ने अपने उत्पादों को लेकर आक्रामक रख अपनाया है। उसकी योजना विभिन्न श्रेणियों में 25 उत्पाद पेश करने की ताकि पतंजलि जैसी नयी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों से मिल रही चुनौती से निपटा जा सके। कंपनी का दावा है कि इंस्टेंट नूडल्स बाजार में उसकी हिस्सेदारी 55.5 प्रतिशत है।
मैगी के बाद अब दूसरे लोकप्रिय खाद़य उत्पाद ब्रेड को खतरनाक बताया जा रहा है। खोजकर्ताओं के अनुसार इसको बनाने में इस्तेमाल किये जाने वाले कैमिकल की वजह से कैंसर की बीमारी हो सकती है। दिल्ली के सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वॉयरमेंट ने यह खुलासा किया है।
विवादों के बाद आखिरकार नेस्ले की मैगी बाजार में लौट आई है। रि-लॉन्च होने के बाद बाजार में मैगी के अभी तक 3.3 करोड़ पैकेट बिक चुके हैं। मैगी वापसी की दीवानगी का आलम यह रहा कि टि्वटर पर #WelcomeBackMaggi टॉप ट्रेंड कर रहा है। लोगों ने मैगी से जुड़ी यादें, मैगी के साथ पहली कुकिंग का अनुभव , ऑफिस से घर लौटकर मैगी बनाना, हॉस्टल में भूख लगने पर मैगी बनाना, मैगी और छात्र जीवन से जुड़ी यादें टि्वटर पर साझा की-
बाबा रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद के आटा नूडल्स को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। हाल ही में लॉंच किए गए आटा नूडल्स को बिना इजाजत के बाजार में उतारने पर एफएसएसआई ने नोटिस भेजकर जवाब मांगा है।
नेस्ले की मैगी की टक्कर में बाजार में उतारे गए बाबा रामदेव के आटा नूडल्स विवादों में घिर गए हैं। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पतंजलि के आटा नूडल्स को खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) की मंजूरी नहीं मिली है। जबकि बाबा रामदेव की ओर से दावा किया है उनका उत्पाद पूरी तरह से कानूनी है। आटा नूडल्स बनाने वाली सभी यूनिट्स के पास लाइसेंस हैं।
एक ओर बैन के बाद बाजारों में नेस्ले की मैगी दोबारा से लौट आई है वहीं दूसरी ओर इसके सामने चुनौती के तौर पर बाबा रामदेव की स्वदेशी मैगी आज से बाजार में उपलब्ध है।