पत्रकारों के लिए खबर जुटाना लगातार मुश्किल होता जा रहा है। दिल्ली विधानसभा और सचिवालय में प्रवेश को लेकर बवाल के बाद नाग विमानन मंत्रालय में पत्रकारों को अंदर जाने से रोका।
एस्सार समूह के आंतरिक पत्राचार से हुए खुलासे ने एक दफा फिर साबित कर दिया है कि कॉरपोरेट , नेताओं और पत्रकारों का गठबंधन नीतियों को किस प्रकार प्रभावित करता है।
रूसी मूल की पत्रकार मारिया गोलावनीनी पाकिस्तान में अपने घर में मृत पाई गईं। मारिया पाकिस्तान में रॉयटर्स की ब्यूरो चीफ थीं। पूछताछ के लिए पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है। पाकिस्तान के साथ-साथ वह अफगानिस्तान की खबरों पर भी नजर रखती थीं।
तेलंगाना सरकार राज्य सचिवालय में मीडियाकर्मियों की आवाजाही को नियिमत करने का मन बना रही है। इससे संबंधित प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है। यह जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव ने कहा कि पत्रकारों के साथ मशविरे के बाद इस प्रस्ताव पर फैसला किया जाएगा।
पेट्रोलियम मंत्रालय से दस्तावेज लीक मामले में गिरफ्तार आरोपी आसाराम के बारे में बताया जाता है कि वह पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का ही चपरासी है जबकि शांतनु सैकिया पत्रकार हैं
भारत सरकार और यूएनडीपी ने 2015 की मीडिया फैलोशिप की घोषणा कर दी है। इस फैलोशिप के लिए पांच और पत्रकारों के साथ आउटलुक की पत्रकार को भी चुना गया है।
यह फैलोशिप आम लोगों में योजना के विकेंद्रीकरण के बारे में जागरूरकता पैदा करने के लिए दी जाती है।