गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में कथ्ति तौर पर आॅक्सीजन की कमी से बच्ची की मौतों के बाद अब दिल्ली में कई साल पहले हुए ऐसे ही एक मामले में गैस सप्लाई करने वाली कंपनी को दोषी पाया गया है।
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर पीके सिंह ने बताया कि इस साल जनवरी से अब तक इंसेफेलाइटिस, एनआईसीयू तथा सामान्य चिल्ड्रन वार्ड में कुल 1250 बच्चों की मौत हो चुकी है।
कहा गया था कि चंडीगढ़ के सरकारी मॉडल सीनियर सेकेंड्री स्कूल से अभी आईटी स्ट्रीम से बारहवीं करने वाले हर्षित शर्मा को गूगल में नौकरी मिल गई है। यहां हर महीने उसकी तनख्वाह 12 लाख रुपए होगी।