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Search Result : "मौलाना तौकीर रजा"

‘फिरकापरस्त’ तबका समझ रहा हम जो जी चाहें करें-मौ.अरशद मदनी

‘फिरकापरस्त’ तबका समझ रहा हम जो जी चाहें करें-मौ.अरशद मदनी

देश के मौजूदा सियासी-सामाजिक हालातों पर जमीयत उलमा-ए-हिंद के सदर मौलाना सय्यद अरशद मदनी मौजूदा सरकार को जिम्मेदार ठहराते हैं। उनका कहना है कि कुछ मौजूदा मसलों पर सरकार ने अगर समझदारी का सुबूत न दिया,जो लोग मुल्क के हालात खराब करने की कोशिश कर रहे हैं अगर सरकार के हाथ उनकी गर्दन तक नहीं पहुंचे या उनके हौसले को न तोड़ा गया तो हालात खराब होंगे।
विभाजन के बाद महात्मा गांधी के कारण एस एच रजा ने भारत नहीं छोड़ा था

विभाजन के बाद महात्मा गांधी के कारण एस एच रजा ने भारत नहीं छोड़ा था

देश की आजादी के समय 1947 में हुए विभाजन के बाद परिवार के पाकिस्तान चले जाने के बावजूद मशहूर चित्रकार सैयद हैदर रजा ने भारत में ही रहने का फैसला किया था। उनके इस फैसले के पीछे उनकी मातृभूमि के प्रति वफादारी तो थी ही, लेकिन इसकी एक वजह महात्मा गांधी के प्रति उनका लगाव भी था।
भोपाल के कॉलेज में ड्रेस कोड पर छात्राओं का धरना, कार्रवाई की दी चुनौती

भोपाल के कॉलेज में ड्रेस कोड पर छात्राओं का धरना, कार्रवाई की दी चुनौती

मध्यप्रदेश में भोपाल के मौलाना आजाद नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलाजी में छात्राओं ने शुक्रवार को ड्रेस कोड और हॉस्‍टल की टााइमिंग को लेकर कॉलेज प्रशासन के खिलाफ हल्‍ला बोल प्रदर्शन किया। छात्राओं को उनके लिए बनाए गए ड्रेस कोड और हॉस्टल की टाइमिंग से दिक्‍कत हो रही है।
outlookhindi.com पर देखें सैयद हैदर रजा का खास इंटरव्यू

outlookhindi.com पर देखें सैयद हैदर रजा का खास इंटरव्यू

अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त भारतीय चित्रकार सैयद हैदर रजा का शनिवार को निधन हो गया। पद्मश्री और पद्म भूषण से सम्मानित सैयद हैदर रज़ा उर्फ़ एस.एच. रज़ा का जन्म 22 फ़रवरी 1922 को मध्य प्रदेश के मंडला जिले के बावरिया में हुआ था।
आईएस इस्लाम पर कब्जा नहीं कर सकता - मौलाना महमूद मदनी

आईएस इस्लाम पर कब्जा नहीं कर सकता - मौलाना महमूद मदनी

‘ इस्लाम की खासियत है कि वह कट्टर नहीं हो सकता है। जमीअत-उलमा-ए-हिंद उसी इस्लाम का प्रतिनिधत्व करती है। जो कट्टर है वह इस्लाम नहीं है।‘ दिल्ली में आयोजित ईद मिलन समारोह के दौरान यह बात जमीअत-उलमा-ए-हिंद के सचिव मौलाना महमूद मदनी ने कही। उन्होंने कहा कि पावन रमजान के बाद इनाम का दिन आता है और वह दिन ईद का होता है।
‘हुकूमत की खामोशी मायूसी पैदा करती है’

‘हुकूमत की खामोशी मायूसी पैदा करती है’

जमीअत-उलमा-ए-हिंद की ओर से दिल्ली में आयोजित ईद मिलन समारोह में उपराष्ट्रपति समेत देश की जानी-मानी हस्तियों ने शिरकत की। इनमें सियासतदान, धार्मिक नेता, कई मुल्कों के राजदूत और देश के गणमान्य लोग शामिल थे।
'सेंसर बोर्ड का रवैया शुुतुरमुर्ग जैसा'

'सेंसर बोर्ड का रवैया शुुतुरमुर्ग जैसा'

देश में इस समय बहुत ही अलोकतांत्रिक माहौल है। मेरा मानना है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत में हर इंसान को अपनी बात कहने का हक है। पंजाब की समस्याएं किसी से ढकी-छिपी नहीं हैं। कौन नहीं जानता कि पंजाब और पंजाबियत को ड्रग्स माफिया ने बरबादी के कगार पर खड़ा कर दिया है। यह समस्या कोई आज की नहीं है। बीते 30 सालों से पंजाब नशे की गिरफ्त में है। जिस भी हुकूमत ने पंजाब पर राज किया, उसके सिपहसालार नशों के कारोबार से वाकिफ रहे हैं लेकिन अफसोस कि कोई हुकूमत इस पर शिकंजा नहीं कस पाई। सियासतदानों की नाक के नीचे यह कारोबार फलता-फैलता रहा।
शिक्षा को लेकर करीब आएंगे भारत और सउदी

शिक्षा को लेकर करीब आएंगे भारत और सउदी

पहली दफा भारत की सउदी अरब से शिक्षा के आदान-प्रदान को लेकर बातचीत जारी है। इस दिशा में कई अहम कदम उठाए गए हैं। हाल ही में मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी हैदराबाद के वीसी जफर सरेशवाला दक्षिण-पश्चिम सउदी अरब के आभा में स्थित किंग खालिद यूनिवर्सिटी में शिरकत करने गए थे, जहां दोनों देशों के बीच शिक्षा को लेकर कई मसौदों पर बातचीत हुई।
मतभेदों को कम करना चीन संग भारत के संबंधों का मुख्य सिद्धांत: प्रणब

मतभेदों को कम करना चीन संग भारत के संबंधों का मुख्य सिद्धांत: प्रणब

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने चीन के शीर्ष नेतृत्व के साथ अपनी बातचीत से पहले आज कहा कि चीन के साथ भारत के संबंधों का मुख्य सिद्धांत समझौते वाले क्षेत्रों का विस्तार करना और मतभेदों को कम करना है।
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