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Search Result : "यशोधा राव ठाकुर"

बीसीसीआई की बैठक में अनुराग ठाकुर का हलफनामा होगा चर्चा का मुद्दा

बीसीसीआई की बैठक में अनुराग ठाकुर का हलफनामा होगा चर्चा का मुद्दा

अध्यक्ष अनुराग ठाकुर का उच्चतम न्यायालय में दिया जाने वाला हलफनामा कल नई दिल्ली में बीसीसीआई की मान्यता प्राप्त इकाइयों की विशेष आम बैठक (एसजीएम) में चर्चा का केंद्र होगा जिसमें लोढा समिति के सुधारवादी कदमों को लागू किए जाने पर चर्चा होगी। एसजीएम में जिन मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की जा सकती है उसमें एक राज्य एक मत की सिफारिश और तीन साल के ब्रेक के साथ तीन साल के कार्यकाल का मुद्दा शामिल है।
जयललिता के सभी विभाग पनीरसेल्वम को सौंपे

जयललिता के सभी विभाग पनीरसेल्वम को सौंपे

तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता के 22 सितंबर से अस्पताल में भर्ती होने के कारण तमिलनाडु के राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने आज वे सारे विभाग वित्त मंत्री ओ पनीरसेल्वम को सौंप दिये जो जयललिता के पास थे लेकिन साथ ही कहा कि अन्नाद्रमुक प्रमुख ही मुख्यमंत्री रहेंगी।
आर्थिक सुधार के साथ कई उपलब्धियां थीं राव की, पार्टी ने उन्हें नीचा दिखाया: बारू

आर्थिक सुधार के साथ कई उपलब्धियां थीं राव की, पार्टी ने उन्हें नीचा दिखाया: बारू

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार रह चुके संजय बारू का मानना है कि कई बड़ी उपलब्धियों के बावजूद पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंह राव को उनकी ही पार्टी ने नीचा दिखाया है।
सुधारों पर बीसीसीआई के रुख से सुप्रीम कोर्ट नाराज, कल देगा आदेश

सुधारों पर बीसीसीआई के रुख से सुप्रीम कोर्ट नाराज, कल देगा आदेश

देश में क्रिकेट के सुधार के लिए न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा समिति के निर्देशों को लागू करने में बागी तेवर अपनाने और राज्य संगठनों को जल्दबाजी में करीब 400 करोड़ रूपये बांटने को लेकर भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) को आज उच्चतम न्यायालय की नाराजगी का सामना करना पड़ा।
पैसे के बिना नहीं चला सकते क्रिकेट : बीसीसीआई

पैसे के बिना नहीं चला सकते क्रिकेट : बीसीसीआई

भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने न्यूजीलैंड के खिलाफ वर्तमान टेस्ट श्रृंखला के भविष्य को लेकर कयास लगाने से इन्कार कर दिया लेकिन स्पष्ट शब्दों में कहा कि पैसे के बिना खेल नहीं चलाया जा सकता हालांकि लोढ़ा पैनल ने भी स्पष्टीकरण दिया कि उसने बैकों को बीसीसीआई के खाते फ्रीज करने के निर्देश नहीं दिये हैं।
मियांदाद अब तक पाक की हार के सदमे से नहीं उबरे हैं : ठाकुर

मियांदाद अब तक पाक की हार के सदमे से नहीं उबरे हैं : ठाकुर

भारत के खिलाफ जावेद मियांदाद की टिप्पणी पर बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने आज कहा कि पाकिस्तान का यह पूर्व क्रिकेट कप्तान लड़ाई के मैदान और क्रिकेट के मैदान पर अपने देश के हार और जीत के रिकार्ड से अब तक सदमे में है। नियंत्रण रेखा के पार भारत के लक्षित हमले के बाद मियांदाद ने कहा था कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ जंग के लिए पूरी तरह से तैयार है।
कई अहम मसलों पर लोगों को गुमराह कर रहा है बीसीसीआई: लोढ़ा समिति

कई अहम मसलों पर लोगों को गुमराह कर रहा है बीसीसीआई: लोढ़ा समिति

राज्य संघों को मोटी रकम आवंटित करने समेत कई अहम मसलों पर बीसीसीआई द्वारा लोगों को गुमराह करने पर कड़ा एतराज जताते हुए उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त न्यायमूर्ति आर एम लोढा समिति ने आज कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनके निर्देशों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया।
कानून से ऊपर नहीं बीसीसीआई, हम कराएंगे आदेश का पालन: सुप्रीम कोर्ट

कानून से ऊपर नहीं बीसीसीआई, हम कराएंगे आदेश का पालन: सुप्रीम कोर्ट

शीर्ष अदालत के निर्देशों का पालन नहीं करने पर बीसीसीआई के अध्यक्ष और सचिव सहित अन्य शीर्ष अधिकारियों को हटाने की मांग वाली लोढ़ा समिति की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बोर्ड को कड़ी फटकार लगाते हुए आदेशों का पालन करने को कहा।
क्रिकेट के ‘दादाओं’ को परवाह नहीं

क्रिकेट के ‘दादाओं’ को परवाह नहीं

अरबों रुपयों के साम्राज्य पर बैठे क्रिकेट के दादाओं को किसी सरकार, पार्टी ही नहीं सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त पूर्व वरिष्ठ न्यायाधीशों की किसी सिफारिश, सलाह, निर्देश की परवाह नहीं है। मुंबई में सड़क पर खोमचा लगाकर डोसा-भेल बेचने वाले से सरकार टैक्स वसूलने के लिए कदम उठा रही है, लेकिन क्रिकेट के खेल के नाम पर अपना धंधा चला रहे बी.सी.सी.आई. का बाल भी बांका नहीं कर सकती।
एएमयू: कुलपति की नियुक्ति पर उच्चतम न्यायालय ने उठाया सवाल

एएमयू: कुलपति की नियुक्ति पर उच्चतम न्यायालय ने उठाया सवाल

उच्चतम न्यायालय ने आज गैरशिक्षण पृष्ठभूमि के एक व्यक्ति की प्रतिष्ठित अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के कुलपति के रूप में नियुक्ति पर सवाल खड़ा किया। कुलपति के पद पर पूर्व सैन्य अधिकारी जमीरउद्दीन शाह की नियुक्ति को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने यह सवाल उठाया।
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