भारत में उद्योग जगत के अग्रणी नेत्वकर्ताओं ने राय दी है कि लंबे समय से अटके वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विधेयक को पारित कराने के लिए सरकार राजनीतिक सहमति बनाने पर ध्यान दे। केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार की दूसरी वर्षगांठ पास आने के बीच उद्योग जगत के नेताओं ने सोमवार को कहा कि सरकार को अब जीएसटी पर आम सहमति बनाने और गैर विधायी सुधारों में गति लाने पर ध्यान देना चाहिए।
विंडसर और मिडलैंड की बैरोनेस फ्लैदर, वातायन के संरक्षक और गुजरात समाचार और एशियाई आवाज समाचार पत्र के संपादक सीबी पटेल, गीतकार-गायिका, संगीतकार तान्या वेल्स की उपस्थिति में हाउस ऑफ लॉर्ड्स में वातायन पोएट्री ऑन साउथ-बैंक पुरस्कार समारोह का आयोजन किया गया।
दक्षिण कोरियाई लेखिका हान कांग को अविस्मरणीय छाप छोड़ने वाले उनके उपन्यास द वेजिटेरियन के लिए प्रतिष्ठित मैन बुकर पुरस्कार के लिए चुना गया है। उनका यह उपन्यास एक महिला द्वारा मानवीय निर्ममता को खारिज करने और मांस का सेवन छोड़ने पर आधारित है।
प्रसार भारती के चेयरमैन ए. सूर्यप्रकाश द्वारा मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर सरकार को शो- कॉज नोटिस दिए जाने को लेकर सवाल उठने लगे हैं। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की संसदीय स्थायी समिति की एक बैठक में एक वरिष्ठ अधिकारी को नहीं भेजे जाने को लेकर जवाहर सरकार को शो-कॉज किया गया। सूर्य प्रकाश वरिष्ठ पत्रकार रहे हैं और उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का घनिष्ठ माना जाता है।
नमामि गंगे कार्यक्रम को महत्वपूर्ण गति प्रदान करते हुए राष्ट्रीय गंगा नदी घाटी प्राधिकरण की अधिकार प्राप्त संचालन समिति ने उत्तराखंड में हरिद्वार से उत्तराखंड की सीमा तक, उत्तर प्रदेश में गढ़मुक्तेश्वर, बिहार में बक्सर, हाजीपुर और सोनपुर, झारखंड में साहेबगंज, राजमहल और कन्हैया घाट में गंगा के तट पर तथा दिल्ली में यमुना पर घाटों और श्मशान स्थलों के विकास की परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। इन परियोजनाओं पर 2446 करोड़ रूपये खर्च होंगे। इन स्थानों पर घाटों और श्मशान स्थलों के विकास से गंगा और यमुना में प्रदूषण में कमी आयेगी। इन सभी परियोजनाओं को केंद्र सरकार की नमामि गंगे योजना के तहत कार्यान्वित किया जाएगा और इनका पूरा खर्चा केंद्र सरकार उठायेगी।
कंगना रणौत हीरो की तरह हैं। हीरो यानी भारतीय समाज में परम श्रद्धेय और ताकतवर। कंगना कल दिल्ली में राष्ट्रीय पुरस्कार लेने आई थीं। शबाना आजमी के बाद दूसरी महिला कलाकार हैं जिन्हें दो बार लगातार राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है।
जल पुरुष के नाम से विख्यात, पानी के नोबल पुरस्कार माने जाने वाले स्कॉटहोम वाटर और मैगसायसाय अवॉर्ड से नवाजे गए राजेंद्र सिंह का मानना है, देश में पानी की कमी राजनेताओं की देन है और सामुदायिक विकेंद्रीय जल प्रबंधन से हालात सुधारे जा सकते हैं। आउटलुक के साथ उन्होंने पानी की समस्या और समाधान पर बात की। पेश हैं प्रमुख अंश: