जिस समय ये पंक्तियां लिखी जा रही थीं या पढ़ी जा रही होंगी, उस समय भी उत्तर भारत में बुरी तरह मायूस कोई किसान अपनी जीवन लीला समाप्त कर रहा होगा। अन्नदाता की हालत बुरी है, यह हम सब जानते हैं लेकिन उसकी जीवन की डोर काटने के लिए सिर्फ एक फसल की बर्बादी बहुत है।
बिन मौसम बरसात ने किसानों की मुसीबत बढ़ा दी है। मार्च महीन में हुई भारी बारिस से किसानों फसल को नुकसान पहुंचा दिया है जिससे किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में बारिस से हुए नुकसान के बाद एक किसान ने आत्महत्या कर ली।