लगातार दो वर्ष के सूखे के बाद इस वर्ष मानसून के सामान्य से बेहतर होने और देश भर में समान बारिश होने की भारत मौसम विज्ञान विभाग की सूचना किसानों के लिए राहत की खबर लेकर आई है। विभाग ने आज इस वर्ष के पूर्वानुमानों की घोषणा करते हुए कहा कि मानसून के लिहाज से यह साल अच्छा रहेगा।
साजगार मौसम की वजह से आम के पेड़ों पर आए जबर्दस्त बौर से इस साल फलों के राजा की जोरदार फसल होने की उम्मीद है। आम उत्पादकों का कहना है कि अगर सरकार दशहरी आम की ब्रांडिंग के लिए उनकी मांगों पर सकारात्मक कदम उठाए तो यह सोने पर सुहागा होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक प्रस्तावित कार्यक्रम के आयोजन स्थल के लिए किसानों ने अपनी फसल को खेतों से काटने से इनकार कर दिया है। आगामी 12 मार्च को प्रधानमंत्री को बिहार के वैशाली के सुल्तानपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में कुछ रेल परियोजनाओं का उद्घाटन करना है। किसानों के इनकार के बाद स्थानीय रेल प्रशासन अब सभा के लिए वैकल्पिक जगह की तलाश कर रहा है।
मनमोहन सिंह ने आधुनिक अर्थव्यवस्था के नाम पर अपने कदमों से कांग्रेस की जमीन को रेगिस्तान में बदला। नरेन्द्र मोदी की सरकार ने उसी जमीन पर अच्छी फसल के लिए हवा-पानी का इंतजाम नए वित्तीय वर्ष के बजट से कर दिया।
‘मेरी छतरी के नीचे आ जा’ और ‘नहीं भूलेंगे यह बरसात की रात’ जैसे गीत सिनेमा के पर्दे और रेडियो पर मन मोह लेते हैं। प्रेम-विरह में भी बरसात, पहाड़, रेगिस्तान के दृश्य दिल-दिमाग को द्रवित करते हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार कपास खेती के कम रकबे और उपज में भारी कमी के कारण चालू वर्ष में देश का कपास उत्पादन 11 फीसदी घटकर 335 लाख गांठ रह जाने का अनुमान है।
किसान जो पहले ही जलवायु परिवर्तन समेत कई प्रकार की समस्याओं से जूझ रहे हैं। अब देश में गैरकानूनी और नकली कीटनाशी दवाओं के बेचे जाने का जख्म भी झेल रहे हैं। पंजाब में हुआ हालिया फसल नुकसान जहाँ नकली कीटनाशी के कारण कपास की फसल पूरी तरह तबाह हो गयी, इसी का एक उदाहरण है।