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Search Result : "रमन मैग्सेसे पुरस्कार"

रमन राघव, 2.0 होने में थोड़ी सी कसर

रमन राघव, 2.0 होने में थोड़ी सी कसर

रमन राघव 2.0 अनुराग कश्यप स्टाइल की फिल्म है। यानी लंबी स्क्रिप्ट और एडिटिंग से जूझती हुई फिल्म। फिल्म हिचकाले खाती धीरे-धीरे चलती है और लगता है पता नहीं यह खत्म कैसे होगी। यह तो तय है कि यह फिल्म पूरी तरह अनुराग कश्यप के मुरीदों के लिए ही है।
राजेंद्र सिंह बोले, 2 लाख 65 हजार गांवों मे पीने का पानी नहीं होना चिंता का विषय

राजेंद्र सिंह बोले, 2 लाख 65 हजार गांवों मे पीने का पानी नहीं होना चिंता का विषय

मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित राजेन्द्र सिंह ने कहा कि रिवर और सिवरेज सिस्टम अलग नहीं होने के कारण देश की नदियां मैला ढोने वाली मालगाड़ियां बन गई हैं। देश में 2 लाख 65 हजार गांवों मेंं पीने लायक पानी नहीं होना चिंता का विषय है। उन्‍होंने कहा कि जल तंत्र को बेहतर करने के लिए सघन प्रयास करने होंगे।
कांग्रेस से बगावत कर अजीत जोगी ने बनाई नई पार्टी

कांग्रेस से बगावत कर अजीत जोगी ने बनाई नई पार्टी

तीन दिनों से चल रही सियासी हलचलों और कयासों के बीच आखिरकार छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने विशाल जनसमुदाय के बीच नई पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया है। कांग्रेस से इस्तीफा दिए बगैर जोगी ने नई पार्टी के गठन की घोषणा की। इस मौके पर उन्होंने उपस्थित समर्थकों से एक फॉर्म के जरिये रायशुमारी भी की। इसके लिए वहां रखी एक पेटी रखकर लोगों से वोट देने की अपील की गई।
क्या संघ जुटा पाएगा भारतीय नोबेल के लिए 200 करोड़

क्या संघ जुटा पाएगा भारतीय नोबेल के लिए 200 करोड़

भारतीय संस्कृति और भारत के रुतबे को दुनिया में बनाने के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ नोबेल की तरह एक पुरस्कार शुरू करना चाहता है। इस पुरस्कार में भी शांति, सामाजिक क्षेत्र, आर्थिक क्षेत्र में अपना अतुलनीय योगदान देने वालों को सम्मानित किया जाएगा।
जोगी बोले, समर्थक चाहते हैं कि कांग्रेस को छोड़ो, नई पार्टी बनाओ

जोगी बोले, समर्थक चाहते हैं कि कांग्रेस को छोड़ो, नई पार्टी बनाओ

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी सूबे में कांग्रेस को और हाशिए में ले जाने के लिए पूरी तरह मैदान में आ चुके हैं। वह प्रदेश में नई पार्टी बनाने जा रहे हैं। उनकी राय हैै कि वह यह सब कार्यकर्ताओं की मांग पर कर रहे हैं। कार्यकर्ता चाहते हैं कि कांग्रेस को छोड़ एक नई पार्टी बनाई जाए और राज्‍य की सत्‍ता में वापसी का प्रयास किया जाए।
छत्तीसगढ़ में 36 लाख परिवारों को निशुल्क खसरा

छत्तीसगढ़ में 36 लाख परिवारों को निशुल्क खसरा

छत्तीसगढ़ में पिछले लगभग एक महीने से जारी लोक सुराज अभियान के दौरान मुख्यमंत्री रमन सिंह ने पाया कि राज्य के किसान और ग्रामीण अपनी जमीन का खसरा-नक्शा लेने के लिए परेशान होते हैं। इसके लिए उन्हें दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। इन्हीं सब परेशानियों को देखते हुए मुख्यमंत्री ने राज्य के 36 लाख परिवारों को उनकी जमीन का मुफ्त खसरा-नक्शा उपलब्ध कराने का फैसला किया है।
वातायन पुरस्कार कुंअर बैचेन को

वातायन पुरस्कार कुंअर बैचेन को

विंडसर और मिडलैंड की बैरोनेस फ्लैदर, वातायन के संरक्षक और गुजरात समाचार और एशियाई आवाज समाचार पत्र के संपादक सीबी पटेल, गीतकार-गायिका, संगीतकार तान्या वेल्स की उपस्थिति में हाउस ऑफ लॉर्ड्स में वातायन पोएट्री ऑन साउथ-बैंक पुरस्कार समारोह का आयोजन किया गया।
'द वेजिटेरियन' के लिए हान कांग को 2016 का मैन बुकर पुरस्कार

'द वेजिटेरियन' के लिए हान कांग को 2016 का मैन बुकर पुरस्कार

दक्षिण कोरियाई लेखिका हान कांग को अविस्मरणीय छाप छोड़ने वाले उनके उपन्यास द वेजिटेरियन के लिए प्रतिष्ठित मैन बुकर पुरस्कार के लिए चुना गया है। उनका यह उपन्यास एक महिला द्वारा मानवीय निर्ममता को खारिज करने और मांस का सेवन छोड़ने पर आधारित है।
लकीर बड़ी करने में विश्वास : डॉ. रमन सिंह

लकीर बड़ी करने में विश्वास : डॉ. रमन सिंह

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को 12 साल से सत्ता में बने हुए हैं और अगले विधानसभा चुनाव की तैयारी में दमखम से जुटे हुए हैं। राजनीतिक समीकरणों पर उनकी निगाह है। अरसे से उन्होंने विकास कार्यक्रमों को अपना कारगर हथियार बना रखा है। नक्सली हिंसा के मुकाबले के लिए भी वे जनता से सीधा संवाद और विकास योजनाओं के सूक्ष्म स्तर तक क्रियान्वयन को सटीक फार्मूला मानते हैं। पार्षद से मुख्यमंत्री तक का सफर तय करने वाले रमन सिंह को जनता की नब्ज सटीक तौर पर समझने-परखने वाला नेता माना जाता है। छत्तीसगढ़ में अभी हाल उन्होंने `लोक सुराज यात्रा' का अभियान शुरू किया है। छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग के इलाकों के दौरे में डॉ. रमन सिंह के साथ आउटलुक के समाचार संपादक दीपक रस्तोगी ने लंबी बातचीत की। प्रस्तुत हैं प्रमुख अंश :
`चाउर वाले बाबा' की `चौपाल- चौसर'

`चाउर वाले बाबा' की `चौपाल- चौसर'

लोगों की छोटी-छोटी जरूरतों की पूर्ति छत्तीसगढ़ में बड़ा फर्क ला रही है- नक्सल समस्या से लेकर राजनीतिक समीकरण तक में। पढ़ें सरगुजा (छत्तीसगढ़) से आउटलुक की ग्राउंड रिपोर्ट
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