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Search Result : "राजनीतिक जीवन"

सिंहस्थ में क्षिप्रा को जीवन दे रही नर्मदा

सिंहस्थ में क्षिप्रा को जीवन दे रही नर्मदा

मध्यप्रदेश के शहर उज्जैन में 22 अप्रैल से सिंहस्थ मेला शुरू हो रहा है। धार्मिक नगरी उज्जैन में क्षिप्रा नदी बहती है जिसमें श्रद्धालु डुबकी लगाते हैं। यह अलग बात है कि क्षिप्रा में पानी की कमी के चलते इसमें नर्मदा का जल मिलाया गया है।
आगे बढ़ने के लिए नीतीश ने लिया आरएसएस का सहारा: उमा

आगे बढ़ने के लिए नीतीश ने लिया आरएसएस का सहारा: उमा

जदयू के नवनियुक्त अध्यक्ष नीतीश कुमार के आरएसएस मुक्त भारत बयान पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने सोमवार को कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री को यह नहीं भूलना चाहिए कि उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में आगे बढ़ने के लिए आरएसएस की ही सीढ़ी का इस्तेमाल किया था।
रोसेफ पर महाभियोग मतदान के बाद ब्राजील में राजनीतिक संकट

रोसेफ पर महाभियोग मतदान के बाद ब्राजील में राजनीतिक संकट

सांसदों द्वारा राष्ट्रपति डिल्मा रोसेफ के खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई शुरू करने को मंजूरी दिए जाने के साथ ही ब्राजील सोमवार को गहरे राजनीतिक संकट में फंस गया और यह दावा किया जाने लगा कि लातिन अमेरिका के इस सबसे बड़े देश में लोकतंत्र खतरे में है।
दिखावा है भाजपा और कांग्रेस का दलित प्रेम: मायावती

दिखावा है भाजपा और कांग्रेस का दलित प्रेम: मायावती

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने भाजपा और कांग्रेस पर दलित प्रेम का दिखावा करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि दलितों और पिछड़ों को उनका संवैधानिक हक न देने पर आमादा पार्टियों के खिलाफ बसपा को केंद्र और राज्यों में एक राजनीतिक ताकत बनना होगा और साल 2007 की तरह उत्तर प्रदेश में फिर से पूर्ण बहुमत की सरकार बनानी होगी।
बंगाल में राजनीतिक हिंसा में बेघर होते लोग

बंगाल में राजनीतिक हिंसा में बेघर होते लोग

दो चरणों के चुनाव के बाद बंगाल में राजनीतिक हिंसा और विरोधियों को उनके घरों से खदेड़ने का अभियान शुरू हो गया है। बर्दवान, पश्चिम मेदिनीपुर, बांकुड़ा, पुरुलिया और उत्तर 24 परगना जिलों के सौ से अधिक गांवों से हिंसा की खबरें आई हैं। राजनीतिक दलों के कैडरों-कार्यकर्ताओं के घरों पर हमले, तोड़फोड़, आगजनी के दावे-प्रतिदावे होने लगे हैं। हंगामों में अब तक विभिन्न जिलों से 15 हजार लोगों के खदेड़े जाने और बेघर कर दिए जाने की खबर है।
जीवन का विज्ञान आयुर्वेद

जीवन का विज्ञान आयुर्वेद

आयुर्वेद का अर्थ है, जीवन का विज्ञान। आयुष वेद से मिल कर बने इस शब्द में आयुष का मतलब है जीव और वेद का मतलब है विज्ञान। आयुर्वेद के सिद्धांत को आगे बढ़ाने के लिए दिल्ली के खेड़ा डाबर, नजफगढ़ में चौधरी ब्रह्मप्रकाश आयुर्वेद चरक संस्थान की नींव रखी गई है। यह संस्थान आयुर्वेद की उस धारणा को तोड़ता है जिसमें समझा जाता है कि आयुर्वेद मात्र कुछ जड़ी-बूटियों के सहारे चलता है। यहां पूरे भारत से उच्च शिक्षा प्राप्त अध्यापक हैं और वैज्ञानिक तरीके से मरीजों का इलाज किया जाता है। यहां अन्य विभागों के साथ लीच यानी जोंक चिकित्सा पद्धति, पंचकर्म, क्षार सूत्र विधि विशेष तौर पर लोकप्रिय हैं। पंचकर्म विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अरुण गुप्ता कहते हैं, 'आम आदमी के लिए पंचकर्म सिर्फ मसाज है। ज्यादातर स्पा केंद्रों ने पंचकर्म की एक प्रक्रिया शिरोधारा के फोटो को इतना प्रमोट किया है कि आम जन में यह धारणा हो गई है कि शिरोधारा ही पंचकर्म है।’ प्रो. गुप्ता कहते हैं, 'सरकार को इस चिकित्सा पद्धति के मानक तय करने चाहिए। यानी यदि कोई केंद्र पंचकर्म शब्द का इस्तेमाल कर रहा है तो उसके पास अनिवार्य रूप से क्या सुविधाएं होनी चाहिए। जैसे मधुमेह के रोगियों को तेल की मालिश पंचकर्म में वर्जित है।’ प्रोफेसर गुप्ता बस्ती नेत्र यानी एनीमा देने के उपकरण पर भी सवाल उठाते हैं। वह बताते हैं कि इस अस्पताल में हर चीज मानक रूप से तय की गई है। लंबे मीनारनुमा इस उपकरण के आगे के छेद की गोलाई मटर के दाने बराबर और पीछे का छेद की गोलाई अंगूठे की मोटाई के बराबर होनी चाहिए। यह अस्पताल का सबसे ज्यादा व्यस्त रहने वाला विभाग है, जिसमें सौ से ज्यादा मरीज हमेशा मौजूद रहते हैं।
शरद यादव की जगह लेंगे नीतीश कुमार

शरद यादव की जगह लेंगे नीतीश कुमार

जनता दल यूनाइटेड के संस्थापक रहे शरद यादव अब पार्टी अध्यक्ष नहीं रहेंगे। लगातार दस साल अध्यक्ष रहे शरद यादव अब पार्टी के संरक्षक के तौर पर जुड़े रहेंगे। जनता दल यूनाइटेड के संविधान के मुताबिक कोई भी व्यक्ति लगातार तीन बार से अधिक अध्यक्ष नहीं रह सकता। इससे पहले पार्टी संविधान में दो बार लगातार अध्यक्ष पद का प्रावधान था लेकिन बाद में संशोधन करके इसे तीन बार कर दिया गया।
राजनीतिक जंग का सबसे अहम मैदान सोशल मीडिया

राजनीतिक जंग का सबसे अहम मैदान सोशल मीडिया

अब राजनीतिक चुनाव सिर्फ सभाओं, जुलूसों, नारेबाजियों और पोस्टरों के जरिये नहीं लड़े जाते हैं। इस जंग का एक और ऐसा मैदान है जो दिखाई तो नहीं देता लेकिन वहां महत्वपूर्ण मुद्दों पर बहस होती है। जनमत बनता है। जंग का यह नया मैदान सोशल मीडिया है। इस नए मैदान की लागत कम है और इसका फल इस मायने में मीठा है कि यह जनता को प्रभावित करने की जबरदस्त क्षमता रखता है। आज लगभग तमाम केंद्रीय मंत्री, सरकार, राज्य सरकारें, छोटे-बड़े नेता, विधायक, सांसद, मंत्रालय और राजनीतिक पार्टियों समेत देश की तमाम प्रभावशाली हस्तियां सोशल मीडिया का प्रयोग कर रही हैं।
नारेबाजी के बजाय विकास की बातों को दें तरजीह: हेपतुल्ला

नारेबाजी के बजाय विकास की बातों को दें तरजीह: हेपतुल्ला

भारत माता की जय के नारे पर देवेंद्र फड़णवीस और रामदेव की टिप्पणियों को लेकर बढ़ते विवाद के बीच केंद्रीय मंत्री नजमा हेपतुल्ला ने आज नारेबाजी के बजाय विकास की बातों पर जोर देने की बात कही और आगाह किया कि इस तरह के राजनीतिक भाषण पहले भी देश में गलत चीजों के लिए जिम्मेदार रहे हैं।
केरल: यूडीएफ पर जोरदार हमले के साथ अच्युतानंदन ने शुरू किया चुनाव प्रचार

केरल: यूडीएफ पर जोरदार हमले के साथ अच्युतानंदन ने शुरू किया चुनाव प्रचार

आगामी 16 मई को होने वाले केरल विधानसभा चुनाव के लिए माकपा के वरिष्ठ नेता एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री वी एस अच्युतानंदन ने आज अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर हमला बोलते हुए एलडीएफ की तरफ से चुनाव प्रचार की शुरूआत की।
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