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येचुरी को मोदी सरकार में दिखी हिटलर शासन की छवि

येचुरी को मोदी सरकार में दिखी हिटलर शासन की छवि

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने आज कहा कि केंद्र की मौजूदा सरकार की अगर इतिहास से तुलना की जाए तो यह हिटलर के फासीवादी मॉडल से मिलती-जुलती होगी। उन्होंने भाजपा और आरएसएस पर अपने हिंदू राष्ट्र का एजेंडा चलाने के लिए राष्ट्रवाद पर बहस खड़ी करने का आरोप लगाया।
भड़काऊ भाषण मामले में कठेरिया को राजनाथ की क्लीन चिट

भड़काऊ भाषण मामले में कठेरिया को राजनाथ की क्लीन चिट

केंद्रीय मंत्री रामशंकर कठेरिया के पिछले दिनों आगरा में एक सभा के दौरान दिए गए द्वेषपूर्ण और भड़काउ भाषण को लेकर विपक्ष द्वारा कड़ी आपत्ति जताने और उन्हें गिरफ्तार कर मंत्रिमंडल से बाहर करने की मांग किए जाने के बीच केन्द्र ने आज इन सारे आरोपों को नकार दिया। सरकार ने कहा कि कठेरिया के भाषण में किसी संप्रदाय के खिलाफ कोई आपत्तिजनक बात नहीं पाई गई।
सीपीएम मुख्यालय पर युवकों के एक समूह ने किया हमला

सीपीएम मुख्यालय पर युवकों के एक समूह ने किया हमला

युवाओं के एक समूह ने राजधानी दिल्ली में स्थित माकपा के मुख्यालय में हमला करने की कोशिश की। पुलिस ने हमला करने वालों में से एक को हिरासत में ले लिया है। माकपा सूत्रों ने कहा कि युवकों ने पत्थर फेंके और माकपा देश छोड़ो जैसे नारे लगाए।
कन्हैया की गिरफ्तारी पर जेएनयू में एकत्र हुए वाम और कांग्रेस नेता

कन्हैया की गिरफ्तारी पर जेएनयू में एकत्र हुए वाम और कांग्रेस नेता

जेएनयू में राष्ट्रविरोधी नारेबाजी के आरोप में छात्र संघ अध्यक्ष को गिरफ्तार किए जाने के विरोध में आयोजित एक विरोध सभा में विभिन्न दलों के नेता शामिल हुए। सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा सचिव डी राजा के अलावा कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी छात्रों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए जेएनयू परिसर पहुंचे। विरोध में हिस्सा लेकर नेताओं ने छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की रिहाई की मांग की। इस बीच, सरकार ने जोर देकर कहा कि इस प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी को देशद्रोही गतिविधियों का अड्डा नहीं बनने दिया जा सकता।
तंजानियाई युवती से मारपीट में पांच गिरफ्तार

तंजानियाई युवती से मारपीट में पांच गिरफ्तार

बेंगलूरु में एक तंजानियाई युवती के साथ मारपीट और उसके कपड़े फाड़े जाने के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है लेकिन कर्नाटक सरकार ने आज इस बात से इंकार किया कि उसे निर्वस्त्र कर चलवाया गया था। रविवार रात की इस घटना के गंभीर राजनयिक मोड़ लेने के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बेंगलूरु में वैश्विक निवेशक सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा, मामला दर्ज किया जा चुका है और आरोपियों में से पांच लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। सुषमा स्वराज ने भी मुझसे बात की। मैं अपने प्रमुख सचिव के माध्यम से उन्हें रिपोर्ट भी भिजवा रहा हूं।
‘बड़े शौक से सुन रहा था जमाना, तुम्ही सो गए दास्तां कहते-कहते’

‘बड़े शौक से सुन रहा था जमाना, तुम्ही सो गए दास्तां कहते-कहते’

यह लगभग चार साल पहले की बात है। भारत में अफसानानिगार सआदत हसन मंटों की 100वीं जन्मशताब्दी मनाई जा रही थी। दिल्ली और पंजाब में कई कार्यक्रम आयोजित हो रहे थे। इस सिलसिले में एक कार्यक्रम दिल्ली में भी आयोजित हुआ जिसमें मंटो पर बात करने के लिए पाकिस्तान से कई अफसानानिगार और बुद्धिजीवि आए। उसी कार्यक्रम में पाकिस्तान के मशहूर उर्दू कहानिकार और पत्रकार इंतिजार हुसैन भी आए थे। वहीं उनसे पहली मुलाकात रही। हमेशा से इंतिजार हुसैन उतने ही भारतीयों के भी रहे जितने वह पाकिस्तान के थे। वह भी मंटो की बेबाक लेखनी के दीवाने थे। इंतजार साहब का जन्म पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के दिबाई गांव में हुआ था। मंगलवार को 93 वर्षीय इस लेखक का पाकिस्तान में निधन हो गया। भारत में किस प्रकार सोशल मीडिया पर लोगों ने इंतिजार साहब को याद किया-
एक से ज्यादा बीवी तो यूपी में नहीं बन पाएंगे उर्दू शिक्षक

एक से ज्यादा बीवी तो यूपी में नहीं बन पाएंगे उर्दू शिक्षक

उत्तर प्रदेश में साढ़े तीन हजार उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति होनी है। इस संबंध में जारी शासनादेश में एक से ज्यादा शादियां करने वालों को आवेदन के लिए अयोग्य ठहराया गया है। सरकार के इस फैसले का ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने विरोध करते हुए इसे मुसलमानों के शरई अधिकारों का हनन करार दिया है।
उर्दू अदब की कहानी,शायर हनफी की जुबानी

उर्दू अदब की कहानी,शायर हनफी की जुबानी

‘गजल एक लंबी यात्रा तय करती हुई, वस्ल की रात, महबूब की जुल्फें, हिज्र, सनम की बेरुखी, रुखसार, हुस्न और इश्क के सांचे से निकल चुकी है।‘ ऐसा कहना है कि उर्दू के मशहूर अफसानानिगार और गजलकार मुजफ्फर हनफी का। वह कहते हैं, ‘ लोग मानते हैं कि गजल औरतों से गुफ्तगू करने का नाम है, जो इश्कमिजाजी से लबरेज रहती है जबकि गजल अब विषय पर केंद्रित हो चुकी है। यहां तक कि गालिब जैसों ने भी विषयों पर गजलें लिखी है लेकिन यह अलग बात है कि गजल के उस रूप को तवज्जो कम मिली।
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