राज्यसभा में गुरुवार को कई सदस्यों ने बाबा रामदेव पुत्रजीवक बीज दवा पर पर प्रतिबंध लगाने और इसे बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठी। बाबा रामदेव कई साल पहले भी अपनी दवाओं को लेकर विवादों में घिर चुके हैं।
आज विपक्ष के सदस्यों ने राज्यसभा टीवी चैनल के बारे में कुछ समाचार पत्राों में छपी एक खबर को तथ्यहीन बताते हुए इस बारे में विशेषाधिकार हनन के नोटिस को स्वीकार कर उस पर चर्चा कराने और इस मामले में सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की है। इस पर सरकार ने अनुरोध किया यह मुद्दा प्रेस की आजादी से जुड़ा हुआ है। इसलिए इस पर कोई भी फैसला लेते समय विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए।
किसान की खुदकुशी सहित देश में किसानों की आत्महत्या को लेकर संसद के दोनों सदनों में गुरुवार को जमकर हंगामा हुआ। जिसके कारण दोनों सदनों को कुछ देर के लिए स्थगित करना पड़ा। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कुछ सदस्यों की ओर से प्रश्नकाल स्थगित करने के लिए दिये गये नोटिस को अस्वीकार करते हुए 12 बजे इस विषय पर चर्चा कराने और फिर गृह मंत्री राजनाथ सिंह के बात रखने की व्यवस्था दी।
राज्यसभा में गुरुवार को एक अनूठा नजारा उस समय देखने को मिला जब सदस्यों ने कार्यकाल समाप्त कर चुके तीन सदस्यों को विदाई दी। राज्यसभा में शायद यह पहली बार हुआ की सदस्यों को कार्यकाल समाप्त होने के बाद विदाई दी गई। उससे भी रोचक नजारा यह रहा कि कार्यकाल समाप्त हो चुके माकपा के ऐसे एक सदस्य पी राजीव को फिर से सदन में वापस लाये जाने की सदन के नेता और नेता प्रतिपक्ष ने एक स्वर में मांग की।
राज्यसभा का अगला सत्र लोकसभा के बजट सत्र के दूसरे चरण के शुरू होने के तीन दिन बाद 23 अप्रैल को शुरू होगा। राज्यसभा सचिवालय की एक विज्ञप्ति के मुताबिक राष्ट्रपति ने 23 अप्रैल से राज्यसभा की बैठक बुलाई है। यह बैठक 13 मई तक चलेगी।
केंद्र सरकार ने अपना रुख कड़ा करते हुए संकेत दिया कि वह विवादास्पद भूमि विधेयक में आगे संशोधनों की इजाजत नहीं देगी और इस बात पर जोर दिया कि वह नतीजों का सामना करने के लिए तैयार है। संसदीय कार्य और शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने पीटीआई-भाषा से कहा, सरकार ने जरूरी संशोधन किए हैं।
भूमि अधिग्रहण अध्यादेश की समय सीमा समाप्त होने से एक दिन पहले सरकार ने इसे फिर से जारी कर दिया। इस अध्यादेश के बदले संबंधित विधेयक को राज्यसभा में विपक्ष के कड़े प्रतिरोध के कारण पारित नहीं करा पाने के कारण सरकार ने अध्यादेश को फिर से जारी किया।
कांग्रेस पार्टी ने भी अब अपना ऑनलाइन सदस्यता अभियान शुरू कर दिया है। हाल के चुनावों में पार्टी की हार के बाद अपना जनाधार बढ़ाने के लिए पार्टी ने सदस्यता के लिए अपना एक ऐप्प भी विकसित किया है।
काफी विवादों और तकरार के बाद खान एवं खनिजों के मामले में राज्यों को और अधिक अधिकार देने वाले चर्चित विधेयक को राज्यसभा की मंजूरी मिल गई। कांग्रेस एवं वाम दलों को छोड़कर अधिकतर पार्टियों ने इसका समर्थन किया जबकि जदयू ने यह कह कर वाकआउट किया कि वह इस प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बनना चाहता है।