राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सम-विषम योजना फिर शुरू हो सकती है। बताया जा रहा है कि योजना की दूसरी पारी के तारीखों की घोषणा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गुरुवार को कर सकते हैं।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को पार्टी के सभी प्रदेश अध्यक्षों के अलावा पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ बैठक कर वर्तमान राजनीतिक हालात का जायजा लिया। राहुल ने राज्यों में पार्टी को मजबूत करने की वस्तुस्थिति की भी समीक्षा की।
सिविल सेवा परीक्षा से जुड़े मुद्दों की समीक्षा के लिए गठित एक विशेषज्ञ समिति ने लोगों से पूछा है कि क्या अनूसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के उम्मीदवारों को उम्र सीमा में मिली छूट और परीक्षा में बैठने के अधिक मौकौं को बरकरार रखा जाए?
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में जम्मू-कश्मीर और वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) से प्रभावित राज्यों को 17 भारतीय रिजर्व बटालियनों (आईआर बटालियनों) की स्थापना करने के लिए मंजूरी दे दी गई।
22 नवंबर को होने जा रही आईआईएफटी (इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ फॉरेन ट्रेड) की प्रवेश परीक्षा में हजारों अभ्यर्थी भाग लेने जा रहे हैं लेकिन सबसे बड़ी कठिनाई कट-ऑफ लिस्ट को लेकर होती है। पिछले तीन साल के दौरान कट-ऑफ 48 से 36 के बीच रही है। ऐसे में छात्रों के सामने सबसे मुश्किल होता है कि अगर कट-ऑफ निकाल भी लिया तो अगले चरण में कैसे सफल हो यह मुश्किल हो जाता है।
देश की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में शुमार यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में ज्यादातार उम्मीदवार इम्तिहान में बैठे बिना ही दौड़ से बाहर हो जाते हैं। इस साल करीब 51 फीसदी उम्मीदवार आवेदन करने के बावजूद परीक्षा में शामिल नहीं हुए। इस तरह ज्यादातर उम्मीदवारों का प्रशासनिक सेवा में जाने का सपना सिर्फ फार्म भरने तक सीमित रह गया।
उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव समाजवादी पार्टी के लिए कठिन परीक्षा वाला चुनाव साबित होने जा रहा है। राज्य में चार चरणों में मतदान होना है और पहले चरण का मतदान 9 अक्टूबर को हो रहा है। जबकि दूसरा चरण 13, तीसरा 17 और चौथे चरण का मतदान 29 अक्टूबर को होगा। जबकि मतगणना एक नवंबर को होगी।
अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा कि विश्व स्वास्थ संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के अनुसार, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से जो छात्र डाॅक्टर बनकर निकल रहे हैं, उसमें से 54 प्रतिशत डाॅक्टर विदेश चले जाते हैं और लौटकर भारत नहीं आते। रिपोर्ट यह भी कहती है कि हिन्दी माध्यम से स्कूल की पढ़ाई अच्छे अंकों से उत्तीर्ण करने वाले छात्र जब एम्स जैसी संस्था में पढ़ने जाते हैं, तो भाषाई स्तर पर पिछड़ने की वजह से उनमें से कई तो आत्महत्या तक कर लेते हैं। यही वजह है कि अब एमबीबीएस की परीक्षा हिंदी में कराने की मुहिम तेज हो गई है।