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										    भारत ने फ्रांस के साथ जिन 36 राफेल विमानों की खरीद का करार किया है, उनको वायुसेना में शामिल किए जाने के बाद दो स्क्वायड्रन बढ़ जाएंगे। ये विमान 2019 से 2023 के बीच भारत को मिलेंगे। माना जा रहा है कि इससे भी लड़ाकू विमानों की कमी पूरी नहीं होगी। अभी ही वायुसेना के बेड़े में विमान कम हैं। सेवारत मिग विमानों के फेज आउट होने के बाद संख्या और घटने वाली है। ऐसे में भारत की उम्मीदें अमेरिका, स्वीडन और रूसी कंपनियों से भविष्य में होने वाले विमान खरीद सौदों पर टिकी हैं।										
                                                                                
                                     
                                                 
  
  
  
  
  
  
  
  
  
			 
                     
                    