बाबूमोशाय बंदूकबाज फिल्म के शीर्षक से यह तो पता चल रहा है कि यह बंदूक की कहानी है। बंदूक होगी तो गोलियां भी होंगी, गोलियां होंगी तो गालियां खुद ब खुद चली आएंगी और खून...वह तो फैलेगा ही।
कोलकाता में पढ़ाई के दिनों में ही बिदिता बाग ने मॉडलिंग शुरू कर दी थी। ढेरों बांग्ला फिल्में कर चुकीं बिदिता हिन्दी में ‘फ्रॉम सिडनी विद लव’ और ‘एक्स-पास्ट इज प्रेजेंट’ में आ चुकी हैं। अब वह ‘बाबूमोशाय बंदूकबाज’ में नवाजुद्दीन सिद्दिकी की नायिका बन कर आ रही हैं।
टिपिकल पंजाबी भाषा में कहें तो कनेड्डे (कनाडा) से आया एक लड़का और शादी के जश्न में डूबा घर का कोना-कोना। कनन (सूरज शर्मा) की शादी बचपन की दोस्त अनु (महरीन पीरजादा) से हो रही है। कनन मांगलिक है और शादी को लेकर थोड़ा असमंजस में भी। फिर एक अच्छी आत्मा की एंट्री और अनु-कनन में प्यार। कहानी बस इतनी सी ही है। लेकिन यह कहानी हल्के फुल्के कॉमेडी अंदाज और चुटीले संवाद के साथ कही गई है।