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फास्ट कोर्ट में राम मंदिर निर्माण सुनवाई के लिए सरकार पर दबाव बनाएंगेःकैलाश विजय

फास्ट कोर्ट में राम मंदिर निर्माण सुनवाई के लिए सरकार पर दबाव बनाएंगेःकैलाश विजय

दलित छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या पर पार्टी नेताओं के बयानों से हुआ नुकसान, किसान विरोधी के साथ-साथ दलित विरोधी का भी लग सकता ठप्पा
राम मंदिर का ताला खुलवाना राजीव का गलत निर्णय था : प्रणब

राम मंदिर का ताला खुलवाना राजीव का गलत निर्णय था : प्रणब

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के संस्मरणों पर आधारित किताब, दि टर्बुलेंट ईयर्स:1980-1996 का गुरुवार को उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने विमोचन किया। किताब में बाबरी मस्जिद को गिराए जाने की घटना का जिक्र करते हुए मुखर्जी ने लिखा कि अयोध्या में रामजन्मभूमि मंदिर का ताला खुलवाना प्रधानमंत्री राजीव गांधी का गलत निर्णय था। मुखर्जी ने बाबरी विध्वंस को पूर्ण विश्वासघात करार दिया जिसने भारत की छवि नष्ट कर दी।
खेसारी दाल पर बड़ा दांव लगा रही केंद्र सरकार

खेसारी दाल पर बड़ा दांव लगा रही केंद्र सरकार

दालों की बढ़ती कीमतों और दलहन आयात पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार खेसारी दाल पर 55 साल पहले लगा प्रतिबंध हटाने की कवायद में जुट गई है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के एक पैनल ने इस दाल को खाने के लिए सुरक्षित बताया है और बारे में अंतिम फैसला खाद्य नियामक एफएसएसएआई को करना है। लेकिन स्‍वास्‍थ्‍य से जुड़े इस अहम फैसले को लेकर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं।
एएमयू और जामिया नहीं हैं अल्पसंख्यक संस्थान: केंद्रीय मंत्री

एएमयू और जामिया नहीं हैं अल्पसंख्यक संस्थान: केंद्रीय मंत्री

केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री राम शंकर कठेरिया का कहना है कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय अल्पसंख्यक संस्थान नहीं हैं। केद्रीय मंत्री ने कहा कि इनमें अल्पसंख्यकों को विशेष सुविधाएं देकर दलितों, पिछड़ों और अन्य जातियों के छात्र-छात्राओं का हक मारा जा रहा है।
‘राम मंदिर मुद्दा पैसा कमाने की मशीन है’

‘राम मंदिर मुद्दा पैसा कमाने की मशीन है’

मैं अयोध्या के बाराबंकी कस्बे का रहने वाला हूं। मैंने अपने इलाके और उसके आसपास कभी राम मंदिर और बाबरी मस्जिद को लेकर नफरत का माहौल नहीं देखा। इस माहौल की शुरूआत दिल्ली से हुई। सन 1947 में हमारी जमीन बंटी और 1992 में हमारे दिल बंट गए। जिस दिन हमारे दिल बंटे, वह दिन हमारे लिए सबसे बदनसीब दिन था। चुनाव जीतने के चक्कर में हमारी नस्लें बरबाद हो गईं। हैरान हूं कि यह लोग अभी भी चैन से नहीं बैठ रहे हैं। आखिर यह इस मुद्दे को कहां ले जाकर छोड़ना चाहते हैं?
कृष्ण भक्ति का रंग कथक से संग

कृष्ण भक्ति का रंग कथक से संग

कृष्ण और राधा के मिलन, विरह, प्रेम और उपासना को मशहूर कथक नृत्यांगना गौरी दिवाकर ने कथक के जरिये खूबसूरती से पेश किया। इस प्रस्तुती की खास बात यह थी कि यह नृत्य सूफी कवियों की रचनाओं पर किया गया।
लोहिया जिंदा होते तो मुलायम को समाजवादियों की सूची से निकाल देते: मायावती

लोहिया जिंदा होते तो मुलायम को समाजवादियों की सूची से निकाल देते: मायावती

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी पर अपने आदर्श राम मनोहर लोहिया के सिद्धांतों के खिलाफ काम करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि लोहिया जिंदा होते तो सपा मुखिया मुलायम को समाजवादियों की सूची से निकाल देते।
मंदिर निर्माण के लिए संवाद जरूरी

मंदिर निर्माण के लिए संवाद जरूरी

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की चर्चा भर से बुद्धिजीवियों एवं राजनीतिज्ञों का एक वर्ग छद्म आक्रोश व्यक्त करने लगता है। ऐसा ही तब हुआ जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहन भागवत ने विश्व हिंदू परिषद के नेता अशोक सिंघल की श्रद्धांजलि सभा में राम मंदिर निर्माण के संकल्प को दोहराया। फिर क्या था। संघ पर सांप्रदायिकता, ध्रुवीकरण, न्यायालय की अवहेलना जैसे आरोप मढ़ दिए गए।
सोशल मीडिया पर हास्य कलाकार कीकू और राम रहीम पर चुटकी

सोशल मीडिया पर हास्य कलाकार कीकू और राम रहीम पर चुटकी

कॉमेडी नाइट्स विद कपिल में पलक का किरदार निभाने वाले हास्य कलाकार कीकू शारदा को पुलिस ने गिरफ्तार किया। कीकू ने एक कॉमेडी शो में डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम की मूवी ‘एमएसजी-2’ के एक सीन पर कॉमेडी एक्ट पेश किया था। इसके बाद उनपर धार्मिक भावनाओं को भड़काने का केस दर्ज हुआ था। हरियाणा पुलिस ने पलक को मुंबई के गोरेगांव से गिरफ्तार किया। तभी से किकू और राम रहीम सोशल मीडिया की भी सुर्खियां बने हुए हैं। कुछ फेसबुक यूजर्स ने इस प्रकार चुटकी ली-
चर्चाः हंसाना मना है! आलोक मेहता

चर्चाः हंसाना मना है! आलोक मेहता

दुनिया के किस मुल्क में हंसने-हंसाने पर रोक हो सकती है? कम्युनिस्ट चीन हो या इस्लामी देश ईरान और पाकिस्तान रंगमंच, सिनेमा में सामाजिक मुद्दों-व्यक्तित्वों पर हास्य-व्यंग्य प्रभावशाली होता है।
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