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Search Result : "राम मंदिर का मुद्दा"

राम के पदचिन्हों पर सैर का मजा

राम के पदचिन्हों पर सैर का मजा

अब इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है कि देश में केंद्र में किसकी और राज्य में किसकी सरकार है। खास कर जब धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन की बात होगी। यह तय है कि बिना किसी भेदभाव के राज्य के पर्यटन स्थलों पर भी ध्यान दिया जाएगा।
असहिष्‍णुता सियासी मुद्दा, घबराने की जरूरत नहीं: चीफ जस्टिस

असहिष्‍णुता सियासी मुद्दा, घबराने की जरूरत नहीं: चीफ जस्टिस

असहिष्णुता पर छिड़ी बहस को राजनीतिक मुद्दा करार देते हुए भारत के चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने कहा है कि जब तक न्यायपालिका स्वतंत्र और विधि के शासन को बनाए रखने वाली है, तब तक किसी को घबराने की जरूरत नहीं है।
वैष्णोदेवी हेलीकाॅप्टर सेवा की सुरक्षा जांच करेगा डीजीसीए

वैष्णोदेवी हेलीकाॅप्टर सेवा की सुरक्षा जांच करेगा डीजीसीए

वैष्णो देवी मंदिर बोर्ड ने नागर विमानन नियामक (डीजीसीए) को कटरा से सांझी छत के बीच हेलीकॉप्‍टर सेवा की सुरक्षा जांच करने को कहा है। गत सोमवार को यहां एक हेलीकॉप्‍टर हादसे में महिला पायलट समेत छह तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी।
क्या वाकई थम गई पुरस्कार वापसी मुहिम?

क्या वाकई थम गई पुरस्कार वापसी मुहिम?

बिहार चुनाव के नतीजे आने का बाद सोशल मीडिया पर इन दिनों एक कविता काफी प्रसारित हो रही है। इस कविता में कहा जा रहा है कि अब कहीं से भी गोमांस, सम्मान वापसी, अरहर दाल की बढ़ती कीमतों को लेकर कोई बयान नहीं आ रहा है। यह सवाल खड़ा होता है कि क्या ऐसा सहिष्णुता की वजह से है या ऐसा बिहार का चुनाव खत्म हो जाने की वजह से है। स्पष्ट तौर पर यह आरोप लगता रहा है कि लेखकों, कलाकारों और वैज्ञानिकों द्वारा जो पुरस्कार लौटाए जा रहे थे वह बिहार चुनावों को प्रभावित करने की एक पूर्वनियोजित साजिश थी। इस संबंध में आरएसएस का मानना है कि पुरस्कार वापसी की मुहीम राजनीतिक ताकतों के हित में बहुत सलीके से संयोजित की गई थी। केंद्रीय मंत्री जनरल वी के सिंह ने तो यहां तक कहने में भी गुरेज नहीं किया कि पुरस्कार वापसी के इस मुहिम में बहुत ज्यादा पैसा सम्मिलित था। जो कुछ भी हुआ, यह उसकी पूरी तरह से एक प्रायोजित और विकृत व्याख्या है।
विश्वनाथ मंदिर में विदेशियों का साड़ी पहनकर जाना अनिवार्य

विश्वनाथ मंदिर में विदेशियों का साड़ी पहनकर जाना अनिवार्य

वाराणसी में का‌शी विश्वनाथ मंदिर के सुरक्षाकर्मियों को अब एक अतिरिक्त जिम्मेदारी निभानी पड़ेगी। उन्हें अब महिला श्रद्धालुओं की पोशाक पर नजर रखनी होगा, खासकर विदेशी महिलाओं पर जो बदन दिखाऊ या घुटने से ऊपर वाली छोटे वस्‍त्र पहनकर दर्शन के लिए आ जाती हैं।
‘अब क्या’ सोचने का वक्त

‘अब क्या’ सोचने का वक्त

श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर फाउंडेशन के संवाद श्रृंखला 2 में समसामयिक घटना पुरस्कार वापसी और उसके विरोध पर ‘अब क्या’ विषय पर संवाद का आयोजन किया गया। पुरस्कार वापसी का समर्थन और विरोध कर रहे दोनों ही पक्षों ने अपनी-अपनी बात रखी।
सोशल मीडिया पर सिंघल को भाजपा नेताओं की श्रद्धांजलि

सोशल मीडिया पर सिंघल को भाजपा नेताओं की श्रद्धांजलि

विश्व हिंदू परिषद के वरिष्ठ नेता अशोक सिंघल का लंबी बीमारी के बाद मंगलवार को गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। सोशल मीडिया पर उन्हें और शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे को एक साथ याद किया गया। गौरतलब है कि आज ही के दिन बाल ठाकरे का भी मुंबई में निधन हो गया था। ट्विटर के जरिये अशोक सिंघल को भाजपा नेताओं ने श्रद्धांजलि दी-
विश्‍व हिंदू प‍रिषद के नेता अशोक सिंघल का निधन

विश्‍व हिंदू प‍रिषद के नेता अशोक सिंघल का निधन

राम जन्‍मभूमि आंदोलन के सूत्रधार और हिंदुत्‍ववादी विचारधारा को उभारने में अहम भूमिका निभाने वाले विश्‍व हिंदू परिषद के नेता अशोक सिंघल का गुड़गांव के मेदांता अस्‍पताल में निधन हो गया। वह 89 वर्ष के थे।
लेखकों ने कैमरन से कहा, भारत में असहिष्णुता बढ़ने का मुद्दा मोदी के समक्ष उठाएं

लेखकों ने कैमरन से कहा, भारत में असहिष्णुता बढ़ने का मुद्दा मोदी के समक्ष उठाएं

सलमान रश्दी सहित 200 से अधिक जानेमाने लेखकों ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन से कहा है कि वह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ होने वाली अपनी बातचीत के दौरान भारत में बढ़ते भय के वातावरण और बढ़ती असहिष्णुता का मुद्दा उठाएं। यह पीईएन इंटरनेशनल की ओर से एक महीने से कम समय में दूसरा एेसा पत्र है।
लोकतंत्र बचाने के लिए जरूरी है पुरस्कार वापसी

लोकतंत्र बचाने के लिए जरूरी है पुरस्कार वापसी

पिछले कुछ हफ्तों में लेखकों वैज्ञानिकों और कलाकारों के सम्मान लौटाने की बाढ़ देखी गई। पुरस्कार लौटाने के जरिये ये सम्मानित और पुरस्कृत लोग अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए खड़े हुए हैं। बढ़ती असहिष्णुता और हमारे बहुलतावादी मूल्यों पर हो रहे हमलों पर अपनी चिंता जाहिर करते हुए इन शिक्षाविदों, इतिहासकारों, कलाकारों और वैज्ञानिकों के कई बयान भी आए हैं। जिन्होंने अपना पुरस्कार लौटाया है वे सभी साहित्य, कला, फिल्म निर्माण और विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले लोगों में से हैं। इस तरह सम्मान लौटाकर उन सभी लोगों ने सामाजिक स्तर पर हो रही घटनाओं पर अपने दिल का दर्द बयान किया है।