डीडीसीए विवाद में वित्त मंत्री अरुण जेटली को लेकर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक अहम बयान आया है। जेटली के लिए मजबूत समर्थन दिखाते हुए भाजपा संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि जिस तरह से हवाला केस में लालकृष्ण आडवाणी पाक साफ होकर निकले थे उसी तरह से इस मामले में जेटली बेदाग बरी होंगे। पीएम के इस बयान के बाद जेटली पर विपक्ष के हमले और तेज हो गए है। कांग्रेस समेत वाम दलों की ओर से भी कहा जा रहा है कि पीएम मोदी, जेटली को भी आडवाणी की तरह ही इस्तीफा देने का संकेत दे रहे हैं।
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर हलचल तेज हो गई है। पत्थरों से लदे दो ट्रकों के अयोध्या पहुंचने पर जिला पुलिस सतर्क हो गई और हालात पर नजर रख रही है। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने करीब छह महीने पहले अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की खातिर देशभर से पत्थर इकट्ठा करने का राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया था।
अब इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है कि देश में केंद्र में किसकी और राज्य में किसकी सरकार है। खास कर जब धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन की बात होगी। यह तय है कि बिना किसी भेदभाव के राज्य के पर्यटन स्थलों पर भी ध्यान दिया जाएगा।
व्यापक वाम एकता के साथ देश भर में फैल रहे सांप्रदायिक वैमन्सय से मुकाबला करने के लिए जुड़े वाम दल, अंबेडकर को मनुवादी व्यवस्था के खिलाफ नेता के तौर पर स्थापित करने की रणनीति
बिहार चुनाव के नतीजे आने का बाद सोशल मीडिया पर इन दिनों एक कविता काफी प्रसारित हो रही है। इस कविता में कहा जा रहा है कि अब कहीं से भी गोमांस, सम्मान वापसी, अरहर दाल की बढ़ती कीमतों को लेकर कोई बयान नहीं आ रहा है। यह सवाल खड़ा होता है कि क्या ऐसा सहिष्णुता की वजह से है या ऐसा बिहार का चुनाव खत्म हो जाने की वजह से है। स्पष्ट तौर पर यह आरोप लगता रहा है कि लेखकों, कलाकारों और वैज्ञानिकों द्वारा जो पुरस्कार लौटाए जा रहे थे वह बिहार चुनावों को प्रभावित करने की एक पूर्वनियोजित साजिश थी। इस संबंध में आरएसएस का मानना है कि पुरस्कार वापसी की मुहीम राजनीतिक ताकतों के हित में बहुत सलीके से संयोजित की गई थी। केंद्रीय मंत्री जनरल वी के सिंह ने तो यहां तक कहने में भी गुरेज नहीं किया कि पुरस्कार वापसी के इस मुहिम में बहुत ज्यादा पैसा सम्मिलित था। जो कुछ भी हुआ, यह उसकी पूरी तरह से एक प्रायोजित और विकृत व्याख्या है।
राम जन्मभूमि आंदोलन के सूत्रधार और हिंदुत्ववादी विचारधारा को उभारने में अहम भूमिका निभाने वाले विश्व हिंदू परिषद के नेता अशोक सिंघल का गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। वह 89 वर्ष के थे।
विश्व हिंदू परिषद के वरिष्ठ नेता अशोक सिंघल का लंबी बीमारी के बाद मंगलवार को गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। सोशल मीडिया पर उन्हें और शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे को एक साथ याद किया गया। गौरतलब है कि आज ही के दिन बाल ठाकरे का भी मुंबई में निधन हो गया था। ट्विटर के जरिये अशोक सिंघल को भाजपा नेताओं ने श्रद्धांजलि दी-
पिछले कुछ हफ्तों में लेखकों वैज्ञानिकों और कलाकारों के सम्मान लौटाने की बाढ़ देखी गई। पुरस्कार लौटाने के जरिये ये सम्मानित और पुरस्कृत लोग अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए खड़े हुए हैं। बढ़ती असहिष्णुता और हमारे बहुलतावादी मूल्यों पर हो रहे हमलों पर अपनी चिंता जाहिर करते हुए इन शिक्षाविदों, इतिहासकारों, कलाकारों और वैज्ञानिकों के कई बयान भी आए हैं। जिन्होंने अपना पुरस्कार लौटाया है वे सभी साहित्य, कला, फिल्म निर्माण और विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले लोगों में से हैं। इस तरह सम्मान लौटाकर उन सभी लोगों ने सामाजिक स्तर पर हो रही घटनाओं पर अपने दिल का दर्द बयान किया है।