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Search Result : "राम लाल"

लोकतंत्र बचाने के लिए जरूरी है पुरस्कार वापसी

लोकतंत्र बचाने के लिए जरूरी है पुरस्कार वापसी

पिछले कुछ हफ्तों में लेखकों वैज्ञानिकों और कलाकारों के सम्मान लौटाने की बाढ़ देखी गई। पुरस्कार लौटाने के जरिये ये सम्मानित और पुरस्कृत लोग अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए खड़े हुए हैं। बढ़ती असहिष्णुता और हमारे बहुलतावादी मूल्यों पर हो रहे हमलों पर अपनी चिंता जाहिर करते हुए इन शिक्षाविदों, इतिहासकारों, कलाकारों और वैज्ञानिकों के कई बयान भी आए हैं। जिन्होंने अपना पुरस्कार लौटाया है वे सभी साहित्य, कला, फिल्म निर्माण और विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले लोगों में से हैं। इस तरह सम्मान लौटाकर उन सभी लोगों ने सामाजिक स्तर पर हो रही घटनाओं पर अपने दिल का दर्द बयान किया है।
राम नाइक पर राष्ट्रगान के अपमान का आरोप

राम नाइक पर राष्ट्रगान के अपमान का आरोप

अखिलेश यादव के मंत्रिमंडल विस्तार के तहत शपथ ग्रहण कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल राम नाइक पर बीच में ही राष्ट्रगान रुकवा कर इसका अपमान करने का आरोप लगा है। राजभवन में आयोजित शपथ-ग्रहण समारोह के दौरान यह मामला सामने आया।
अखिलेश मंत्रिमण्डल का विस्तार, 12 नए चेहरों समेत 21 ने ली शपथ

अखिलेश मंत्रिमण्डल का विस्तार, 12 नए चेहरों समेत 21 ने ली शपथ

उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार के मंत्रिमंडल में व्यापक फेरबदल के तहत शनिवार को 21 मंत्रियों तथा राज्यमंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई। मंत्रिमंडल में कुल नौ मंत्रियों को प्रोन्नति दी गई है जबकि दो कैबिनेट तथा 10 राज्यमंत्रियों समेत कुल 12 नए मंत्रियों को शामिल किया गया है।
बिहार चुनाव के उत्तरित-अनुत्तरित प्रश्न | नीलाभ मिश्र

बिहार चुनाव के उत्तरित-अनुत्तरित प्रश्न | नीलाभ मिश्र

पहली बार मैं किसी मामले में अमित शाह से खुद को पूरी तरह सहमत पाता हूं। यह कि बिहार चुनाव केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों और कामकाज पर जनमत संग्रह नहीं है।
दलित लड़के की मौत को खट्टर ने बताया आत्‍महत्‍या

दलित लड़के की मौत को खट्टर ने बताया आत्‍महत्‍या

हरियाणा के मुख्यमंत्राी मनोहर लाल खट्टर ने सोनीपत में 15 साल के दलित लड़के की मौत को आत्महत्या करार दिया है। खट्टर ने इन आरोपों को भी खारिज किया कि इस लड़के की मौत पुलिस हिरासत में मौत हुई। उन्‍होंने मुआवजा के अतिरिक्त उसके परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का ऐलान भी किया है।
दलित उत्‍पीड़न के लिए खट्टर-मोदी-संघ का रवैया जिम्‍मेदार: राहुल गांधी

दलित उत्‍पीड़न के लिए खट्टर-मोदी-संघ का रवैया जिम्‍मेदार: राहुल गांधी

दिल्‍ली से सटे फरीदाबाद के एक गांव में दबंगों द्वारा दलित परिवार को जिंदा जलाए जाने की घटना के बाद आज कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे। उन्‍होंने इस घटना के लिए हरियाणा के मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ पर जमकर निशाना साधा।
राम रहीम को लेकर अकाल तख्त साहिब का यूटर्न

राम रहीम को लेकर अकाल तख्त साहिब का यूटर्न

पंजाब में बढ़ रही हिंसा को देखते हुए अकाल तख्त साहिब ने डेरा सच्चा सौदा वाले बाबा राम रहीम पर यूटर्न ले लिया है। अकाल तख्त ने बाबा को दी हुई माफी वापस ले ली है। दरअसल गुरू गोबिंद सिंह का बाना पहनने के मसले पर सिखों की धार्मिक अदालत अकाल तख्त साहिब ने राम रहीम को हाल ही में माफी दी थी।
कट्टर खट्टर पर ऑनलाइन प्रहार

कट्टर खट्टर पर ऑनलाइन प्रहार

एक अंग्रेजी अखबार को दिए गए इंटरव्यू में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दादरी मसले पर बात करते हुए एक विवादित बयान दिया कि मुसलमान इस देश में रह सकते हैं लेकिन उन्हें गौमांस खाना छोड़ना होगा। इसके बाद से सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री के खिलाफ माहौल बन गया। चारों ओर से इस ब्यान की निंदा होने लगी। मुख्यमंत्री के ओएसडी जवाहर यादव ने स्थिति संभालते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने ऐसा कुछ नहीं कहा जबकि अखबार ने उनके मुंह में ऐसे शब्द डाले। इसके बाद अखबार ने मुख्यमंत्री के इंटरव्यू का ऑडियो टेप जारी कर दिया। सोशल मीडिया के कुछ कमेंट्स
भारत को 50 करोड़ डॉलर की सैन्य मदद देने को तैयार थे कैनेडी

भारत को 50 करोड़ डॉलर की सैन्य मदद देने को तैयार थे कैनेडी

1962 के युद्ध के बाद भारत पर चीन के हमले की आशंका से चिंतित जॉन एफ कैनेडी प्रशासन ने भारत को 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर की सैन्य सहायता की योजना बनाई थी, जिसमें हथियार उत्पादन बढ़ाने में मदद के अलावा छह पर्वतीय इकाइयां बनाने जैसे प्रावधान शामिल थे। एक नई किताब में यह खुलासा किया गया है।
ऐतिहासिक मुकाम, लेखकों के इस्तीफे का बवंडर

ऐतिहासिक मुकाम, लेखकों के इस्तीफे का बवंडर

देश के सभी कोनों से, सभी भाषाओं में एक ही आवाज उठ रही है। यह अपने आप में ऐतिहासिक परिघटना है। इससे पहले इस देश में इतने बड़े पैमाने पर लेखकों-साहित्यकारों-रंगकर्मियों ने एक साथ एक ही मुद्दे पर मिलकर आवाज नहीं उठाई थी। वे सब अलग-अलग राज्यों से, अपनी-अपनी भाषाओं में एक ही स्वर बोल रहे हैं।