राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को अपना नामांकन दाखिल किया। नामांकन के बाद कोविंद ने कहा कि राष्ट्रपति का पद दलगत राजनीति से ऊपर होना चाहिए।
राष्ट्रपति चुनाव में सत्तादल द्वारा रामनाथ कोविंद के उम्मीदवार बनाये जाने से जहां एक ओर एकजुट होते विपक्ष में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है, वहीं वाम मोर्चा की ओर से प्रकाश अंबेकर का नाम आगे आया है। मोर्चा ने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के पोते और पूर्व सांसद प्रकाश के नाम पर अन्य विपक्षी दलों की सहमति लेने की कवायद शुरू कर दी है।
एनडीए की ओर से बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने को बेहद अप्रत्याशित माना जा रहा है। हालांकि ‘आउटलुक’ के 8 मई 2017 के अंक में छपी एक स्टोरी में वरिष्ठ पत्रकार जयशंकर गुप्त ने लिखा था कि राष्ट्रपति के लिए भाजपा की ओर से रामनाथ कोविंद का नाम भी चल रहा है।
ग्वालियर, मध्यप्रदेश के रहने वाले एक ‘चाय वाले’ की निगाहें राष्ट्रपति पद पर लगी हैं। इन जनाब का कहना है कि जब एक चाय बेचेने वाला देश का प्रधानमंत्री बन सकता है तो राष्ट्रपति क्यों नहीं।
आज वे केंद्र में सत्तासीन भाजपा-एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं। लेकिन नाम घोषित होने से करीब 20 दिन पहले उन्हें शिमला स्थित प्रेसिडेंसियल इस्टेट परिसर की रिट्रीट बिल्डिंग में प्रवेश से रोक दिया गया। यह बात बिहार के मौजूदा राज्यपाल रामनाथ कोविंद के बारे में है।
एनडीए ने सोमवार को बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया गया। कोविंद को 8 अगस्त 2015 को बिहार के राज्यपाल के पद पर नियुक्त किया गया था।
राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का फैसला भाजपा संसदीय बोर्ड करेगी। संसदीय बोर्ड की बैठक जल्द शुरू होने वाली है। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी होंगे। भाजपा ने अपने सांसदों व कई राज्यों के विधायकों को दिल्ली बुलाया है। अगले दो दिन नामांकन पत्रों पर दस्तखत कराए जाएंगे।