दिल्ली की एक अदालत की घटना खूब सुर्खियां बंटोर रही है। दरअसल ईडी के वकील ने शब्बीर शाह से पूछा, ‘क्या आप भारत माता की जय बोल सकते हैं?’ तब कोर्ट ने वकील का विरोध करते हुए कहा कि अदालत की कार्यवाही को टीवी चैनल की बहस ना बनाएं।
आखिरकार राष्ट्र जिस रिपब्लिक के बारे में जानना चाहता है उससे परदा उठ गया है। ‘नेशन वॉन्ट्स टू नो’ के तकिया कलाम के साथ अर्णब अपनी आक्रमक शैली के लिए जाने जाते हैं। उन पर सरकार का पक्षधर होने का आरोप भी लगता है। कई लोग उन्हें राष्ट्रवाद का प्रतीक भी मानते हैं और उनकी फैन फॉलोइंग जबर्दस्त है।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह इस मामले पर कानूनी राय लेंगे कि क्या उनके मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू टेलीविजन पर एक मशहूर कॉमेडी शो पर सेलिब्रिटी-जज बने रह सकते हैं या नहीं।
एक बार फिर वही धुन। प्रिंट, टी.वी., वेब, मोबाइल फोन, फेसबुक, टि्वटर जैसे हर सूचना-संचार माध्यमों पर चुनावी राजनीति में बाहुबलियों के प्रभाव, पहचान, लोकप्रियता अथवा आतंक से जुड़ी सफलता, चुनाव में विजय की चिंता निरंतर हो रही है।