जंतर-मंतर पर धरना जारी रख सकेंगे पूर्व सैनिक। प्रदर्शनकारियों को बलपूर्वक हटाने की पुलिस की कोशिश के व्यापक विरोध को देखते हुए सरकार को देनी पड़ी अनुमति।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के एक फैसले ने पूरे विपक्ष को एकजुट कर दिया। वहीं कांग्रेस भी पूरी तरह से आक्रामक मुद्रा में आ गई है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी पूरे जोश के साथ सरकार के खिलाफ खड़े हैं।
अंबाला छावनी रेलवे स्टेशन पर उस वक्त अफरा तफरी का माहौल बन गया जब फोन पर बम होने की सूचना आई। सूचना मिलते ही सुरक्षा एजेंसियां तुरंत सतर्क हो गईं। हालांकि बाद में यह सूचना गलत साबित हुई।
लोकसभा में 25 सांसदों के निलंबन पर कांग्रेस का विरोध जोर पकड़ रहा है। आज कांग्रेस सांसदों ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने नेतृत्व में संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना दिया। राहुल गांधी ने कहा व्यापमं, ललितगेट और भूमि विधेयक के मुद्दे पर हम पूरे देश में सरकार को घेरेंगे। इस बीच, संसद के दोनों सदनों में भी गतिरोध बरकरार रहा।
आकाशवाणी के जरिए अपनी बात कहने वाले देश भर के कैजुअल एनाउंसर और कंपीयर ने जंतर-मंतर पर अपने हक के लिए आवाज बुलंद की। तीन और चार अगस्त के दो दिन के धरना-प्रदर्शन में इन कैजुअल एनाउंसर ने केंद्र सरकार और प्रसार भारती के रहनुमाओं तक अपनी 'मन की बात' पहुंचाने की पूरी कोशिश की।
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि वन रैंक, वन पेंशन सहित एक भी वायदा पूरा नहीं किया है। रविवार को अन्ना हजारे पूर्व सैनिकों के प्रदर्शन में शामिल होने के लिए जंतर-मंतर पर पहुंचे।
पंजाब के जिला रोपड़ के गांव बेहरामपुर जिमीदारा और आस पास के गांव के लोगों ने एक स्कूटर सवार व्यक्ति की कथित रूप से एक बस की चपेट में आने से हुई मौत के मामले में सत्तारूढ़ दल बादल परिवार और बस मालिक के खिलाफ धरना दिया।
उन लोगों के लिए बुरी खबर है जो बिना सोचे समझे रेल ट्रैक या रेलवे की संपत्ति पर पेशाब या शौच कर देते हैं। अब ऐसा करना भारी पड़ सकता है। खासकर अगर उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में ऐसा किया तो कार्रवाई होना निश्चित है।
सरकारें और सत्ता बदलते ही सबसे पहले शहरों, कस्बों, रेलवे स्टेशनों, विमानतलों, सड़कों, गली और मोहल्लों के नाम बदलने की होड़ लग जाती है। यह अलग बात है कि लोगों के जहन में बरसों बरस वही पुराने नाम चले आते हैं।
जब वह मेरे दफ्तर मिलने के लिए आए तो अचानक ही लगा कि मेरा दफ्तर भी विकलांग व्यक्ति के लिए कितना असुविधाजनक है। वह हथेलियों में हवाई चप्पल पहने हुए पूरी सहजता और जबर्दस्त आत्मविश्वास के साथ दफ्तर में आ चुके थे। तकरीबन लपकते हुए वह कुर्सी की ओर बढ़े।