अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में भारतीय दूतावास के भीतर आज एक रॉकेट आ कर गिरा। विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार इसमे किसी के घायल होने की खबर नहीं है। रॉकेट किसी अज्ञात ठिकाने से दागा गया था।
इसरो ने देश के सबसे भारी और ताकतवर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल जीएसएलवी मार्क-तीन को लांच कर एक और उपलब्धि हासिल की है। सैटेलाइट को आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से शाम 5.28 बजे सफलता पूर्वक लांच कर दिया गया है!
भारत द्वारा चेन्नई से करीब 125 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा से एक ही प्रक्षेपास्त्र से रिकॉर्ड 104 उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए 28 घंटे की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। अगर भारत एक रॉकेट से 104 उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजने में सफल हो जाता है तो वह इस तरह का इतिहास रचने वाला पहला देश बन जाएगा।
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम मंगलयान प्रक्षेपण के गवाह बनना चाहते थे, लेकिन प्रक्षेपण तिथि 24 सितंबर, 2014 के ठीक एक दिन पहले उनकी बिलकुल इच्छा न होने के बावजूद उन्हें बेंगलुरू से बाहर जाना पड़ा।
भारत ने परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम स्वदेशी पृथ्वी 2 मिसाइलों का आज एक के बाद एक त्वरित गति से दो बार सफल प्रक्षेपण किया। सेना ने यह परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर स्थित परीक्षण रेंज से किया। रक्षा सूत्रों ने बताया कि एकीकृत प्रक्षेपण रेंज (आईटीआर) के तृतीय परिसर के एक मोबाइल लांचर से सुबह करीब नौ बजकर 35 मिनट पर सतह से सतह पर मार करने वाली दो मिसाइलों का एक के बाद एक त्वरित गति से सफल परीक्षण किया गया। इन मिसाइलों की मारक क्षमता 350 किलोमीटर है और वे 500 किलोग्राम से 1000 किलोग्राम तक वजनी आयुध ले जाने में सक्षम है।
भारत के नवीनतम संचार उपग्रह जीसैट 18 का फ्रेंच गुयाना में कोउरू के अंतरिक्ष केंद्र से एरियनस्पेस राॅकेट के जरिए गुरुवार को सफल प्रक्षेपण किया गया। यह प्रक्षेपण पहले बुधवार को किया जाना था लेकिन कोउरू में मौसम खराब होेने के कारण इसे 24 घंटे के लिए टाल दिया गया था। कोउरू दक्षिणी अमेरिका के पूर्वाेत्तर तट स्थित एक फ्रांसीसी क्षेत्र है। पीएम मोदी ने इसरो को इस ऐतिहासिक सफलता पर बधाई दी है। मोदी ने सफल प्रक्षेपण को देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम का दूसरा मील का पत्थर बताते हुये वैज्ञानिको की सराहना की।
चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा है कि देश के विकसित होते मिसाइल अस्त्रागार को संभालने वाली पीएलए की नवगठित रॉकेट फोर्स ने युद्ध संबंधी धमकियों को विफल करते हुए एक बड़ी शक्ति बनने में एक अद्वितीय भूमिका निभाई है।