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Search Result : "रॉकेट प्रक्षेपण"

भारत ने किया क्रूज मिसाइलों को भेदने वाले 'आकाश' का परीक्षण

भारत ने किया क्रूज मिसाइलों को भेदने वाले 'आकाश' का परीक्षण

अपनी सैन्य क्षमता में इजाफा करते हुए भारत ने आज लड़ाकू विमानों और क्रूज मिसाइलों को हवा में भेदकर गिराने की क्षमता वाले 'आकाश' मिसाइल का परिक्षण किया। यह मिसाइल पूरी तरह से स्वदेश में विकसित है।
पीएसएलवी सी31 का प्रक्षेपण, जीपीएस निर्भरता दूर होगी

पीएसएलवी सी31 का प्रक्षेपण, जीपीएस निर्भरता दूर होगी

अमेरिका आधारित जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) जैसी क्षमता हासिल करने की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए बुधवार को भारत ने अपने पांचवे दिशासूचक उपग्रह आईआरएनएसएस-।ई का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण कर दिया। भारत ने यह प्रक्षेपण अपने विश्वसनीय पीएसएलवी-सी31 के माध्यम से किया।
इतिहास को इतिहास की तरह देखिए

इतिहास को इतिहास की तरह देखिए

संतरा संतरा है और अमरूद अमरूद। संतरे में अमरूद का स्वाद और तासीर तलाशें तो यह संतरे के साथ अन्याय है। इसी तरह अगर अमरूद में संतरे का स्वाद और तासीर तलाशें तो यह अमरूद के साथ अन्याय है। संतरे को संतरे की तरह ही खाइए और अमरूद को अमरूद की तरह।
एस्ट्रोसैट का सफल प्रक्षेपण, साथ ले गया 4 अमेरिकी उपग्रह

एस्ट्रोसैट का सफल प्रक्षेपण, साथ ले गया 4 अमेरिकी उपग्रह

अपनी पहली अंतरिक्ष वेधशाला एेस्ट्रोसैट का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण कर भारत अंतरिक्ष वेधशाला रखने वाले कुछ चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है। एस्ट्रोसैट अपने साथ छह विदेशी उपग्रहों को भी कक्षा में स्थापित करने के लिए भेजा गया है। यह पहली बार है, जब भारत ने अमेरिकी उपग्रह प्रक्षेपित किए हैं।
अगले महीने अंतरिक्ष में भारत की बड़ी छलांग

अगले महीने अंतरिक्ष में भारत की बड़ी छलांग

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्‍थान (इसरो) अगले महीने ऐसे रॉकेट का प्रक्षेपण करने वाला है जिसे दोबारा इस्तेमाल में लाया जा सके। अगर भारत का यह प्रक्षेपण सटीक रहा तो भविष्य में उपग्रहों को अंतरिक्षण में भेजने की लागत में बहुत कमी हो जाएगी क्योंकि हर बार नया रॉकेट नहीं इस्तेमाल करना पड़ेगा।
ब्रमोस पर लिखी किताब का रूसी अनुवाद

ब्रमोस पर लिखी किताब का रूसी अनुवाद

ब्रमोस क्रूज मिसाइल पर अंग्रेजी में लिखी गई अपातुकता शिवतनु पिल्लै की किताब का रूसी भाषा में अनुवाद किया जाएगा और इसके लिए कार्य शुरू हो चुका है।
तो सिर्फ 39 दिनों में पहुंचेंगे मंगल पर

तो सिर्फ 39 दिनों में पहुंचेंगे मंगल पर

एक अमेरिकी कंपनी ऐसा युगांतरकारी इंजन बना रही है जिससे मानव केवल 39 दिनों में मंगल पर पहुंच सकता है। नासा ने इसके लिए कंपनी को एक करोड़ डॉलर का अनुदान दिया है।
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