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Search Result : "रोहिंग्या मुसलमान"

चीन ने मुसलमानों से कहा, समाजवाद से जुड़े रहें और चरमपंथ का विरोध करें

चीन ने मुसलमानों से कहा, समाजवाद से जुड़े रहें और चरमपंथ का विरोध करें

चीन ने मुसलमान नागरिकों से चरमपंथ का विरोध करने और चीन की विशेषताओं के साथ समाजवाद से जुड़े रहने को कहा है। दरअसल, चीन ने अपने अशांत मुस्लिम बहुल शिंजियांग प्रांत में कठोर कदमों के साथ सुरक्षा व्यवस्था को सख्त किया है।
तालीम की ही चाबी से खुलेंगे तरक्की के ताले

तालीम की ही चाबी से खुलेंगे तरक्की के ताले

यूनिफॉर्म सिविल कोड और तीन तलाक पर हर दिन टेलीविजन और सोशल मीडिया पर तीखी बहस जारी है। एक तबका तर्क दे रहा है कि तीन तलाक ही मुसलमान औरतों के पिछड़ेपन की वजह है। कुल मिलाकर मुसलमान औरतों के हुकूक के सिलसिले में बहस-मुबाहसे तीन तलाक तक सीमित हो गए हैं। जबकि तरञ्चकी के पायदान पर उनके आखिरी कतार में खड़े होने की असल वजह उनकी कम तालीम है।
‘भाषा का कोई धर्म नहीं होता, बल्कि मजहब को भाषा की जरूरत होती है’

‘भाषा का कोई धर्म नहीं होता, बल्कि मजहब को भाषा की जरूरत होती है’

उर्दू जबान की तरक्की के लिए फिक्रमंद साहित्यकारों और शिक्षाविदों का मानना है कि इस भाषा को सिर्फ मुसलमानों की जबान के तौर पर पेश कर एक दायरे में सीमित करने की कोशिशें की जा रही हैं जबकि असलियत यह है कि यह पूरे देश में और विभिन्न समुदायों में बोली जाती है और इसके विकास में सभी का अहम योगदान है। इसके अलावा उर्दू और हिंदी छोटी और बड़ी बहने हैं और इनमें आपस में कोई टकराव नहीं है।
आरएसएस का आह्वान, राम मंदिर बनवाने में आगे आएं संजीदा मुसलमान

आरएसएस का आह्वान, राम मंदिर बनवाने में आगे आएं संजीदा मुसलमान

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए देश के संजीदा मुसलमानों से आगे आने का आह्वान किया।
तीन तलाक के खिलाफ मुस्लिम महिलाओं से समर्थन की मांग

तीन तलाक के खिलाफ मुस्लिम महिलाओं से समर्थन की मांग

‘हम मुस्लिम समुदाय के सामान्य नागरिक, कलाकार,बुद्धिजीवि, लेखक और कवि इस बात पर जोर देना चाहते हैं कि भारत में मुस्लिम समुदाय विभिन्नताओं , मत-मतांतरों और विषमताओं से भरा है। मुसलमानों का की भी एक संगठन या जन समूह पूरे समुदाय की तरफ से बोलने का दावा नहीं कर सकता है।’ कॉन्सटीट्यूशन क्लब में तीन तलाक, यूनुफॉर्म सिविल कोड और समानता के लिए महिलाओं का संघर्ष विषय पर आयोजित गोष्ठी में यह बात सामने आई। यह गोष्ठी एडवा, अनहद और शिक्षा की ओर से आयोजित की गई थी।
‘सरहद संभलती नहीं,अंदरूनी जंग की तैयारी कर रही सरकार’

‘सरहद संभलती नहीं,अंदरूनी जंग की तैयारी कर रही सरकार’

यूनिफॉर्म सिविल कोड के मुद्दे पर देश के तमाम मुस्लिम संगठन एक मंच पर आ चुके हैं। उन्होंने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि किसी भी सूरत में यूनिफॉर्म सिविल कोड मंजूर नहीं किया जाएगा। मुस्लिम संगठनों ने यहां तक कहा कि मोदी सरकार से सरहद तो संभल नहीं रही है और वह अंदरूनी जंग के लिए फिजा तैयार कर रही है।
अपने पिता से ज्यादा लोकप्रिय हैं अखिलेशः सर्वे

अपने पिता से ज्यादा लोकप्रिय हैं अखिलेशः सर्वे

यूपी में अखिलेश यादव अपने पिता मुलायम सिंह यादव से अधिक लोकप्रिय हैं। यह तथ्य मुलायम परिवार में छिड़ घमासान के बाद सी वोटर के सर्वे में सामने आया है। ताजा विवाद के बाद हुए सर्वे के अनुसार अखिलेश उत्तर प्रदेश में अपने पिता के मुकाबले बहुत अधिक लोकप्रिय हैं। सर्वे प्रदेश की 403 सीटों पर लगभग 11 हजार लोगों के बीच किया गया। इसके अनुसार शिवपाल सिंह यादव की लोकप्रियता लोगों के बीच काफी कम है।
मुसलमानों को न पुरस्कार दो, न तिरस्कार करो बल्कि उन्हें अपनाओ: मोदी

मुसलमानों को न पुरस्कार दो, न तिरस्कार करो बल्कि उन्हें अपनाओ: मोदी

केरल के कोझीकोड में दीनदयाल उपाध्याय जन्मशती मनाने और अपनी राष्ट्रीय परिषद के बहाने भाजपा ने मुसलमानों को भी साधने की कोशिश शुरू कर दी है। राष्ट्रय परिषद को संबोधित करते हुए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुसलमानों को वोट की मंडी का माल नहीं समझा जाना चाहिए।
नाइक के आरोपों पर नायडू ने पूछा, क्या वह भारतीय मुसलमानों का मुखिया है

नाइक के आरोपों पर नायडू ने पूछा, क्या वह भारतीय मुसलमानों का मुखिया है

विवादास्पद इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाइक के सरकार के खिलाफ लगाए गए आरोपों को पूरी तरह बकवास करार देते हुए केंद्रीय मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने उस पर धर्म की आड़ में आश्रय लेने के आरोप लगाए और आश्चर्य जताया कि क्या वह सभी भारतीय मुसलमानों का मुखिया है।
पवित्र हज यात्रा के अहम चरण में अराफात की पहाड़ी पहुंचे हज यात्री

पवित्र हज यात्रा के अहम चरण में अराफात की पहाड़ी पहुंचे हज यात्री

हज के लिए सऊदी अरब पहुंचे दुनिया भर के लाखों मुसलमान हज से जुड़े अरकानों (धार्मिक रीति रिवाज) को एक-एक कर पूरा करते हुए रविवार को अराफात की पहाड़ी पर पहुंचे। इस पहाड़ी पर इबादत को हज के दरम्यान का एक अहम पड़ाव माना जाता है। पिछले साल की भगदड़ की त्रासदी के बाद इस बार व्यापक प्रबंध किए गए हैं।
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