तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की दूसरी बार शपथ ली तो इसमें नीतीश कुमार, लालू यादव, अरविंद केजरीवाल, अखिलेश यादव भी मौजूद थे।
वैवाहिक वेबसाइटों के दुरूपयोग पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने आज एक अहम फैसला करते हुए ऐसी वेबसाइटों को पहचान पत्रों और पते के सबूतों से उपयोगकर्ताओं का सत्यापन करने के लिए कहा है। साथ ही सरकार ने नए नियमों में वेबसाइटों से कहा है कि वह अश्लील सामग्री डालने पर रोक लगाएं और साइटों को डेटिंग का मंच न बनने दें।
राजनीति में चेहरे बदल जाते हैं, चरित्र नहीं बदल पा रहा है। इस बार राज्य सभा चुनाव के लिए प्रदेशों से विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा चुने गए कुछ विवादास्पद उम्मीदवारों से यही साबित हो रहा है। विशेष रूप से राजनीति में सबसे हटकर ‘चाल-चरित्र’ का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से पार्टी के लिए समर्पण भाव से काम करने वालों को तकलीफ हो सकती है।
राज्यसभा के दि्ववार्षिक चुनावों में इस बार जिनका चुना जाना तय है उनमें एक हैं देश के विख्यात कानूनविद राम जेठमलानी जो कि लालू प्रसाद की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के नुमाइंदे के रूप में राज्यसभा में बैठेंगे। अपना यह कार्यकाल पूरा करने पर जेठमलानी की उम्र करीब-करीब 99 वर्ष होगी।
केंद्र की मोदी सरकार ने गंगाजल को देश के घर-घर में पहुंचाने की तैयारी कर ली है। इसके लिए बस लोगों को गंगाजल की ऑनलाइन बुकिंग करनी होगी। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को बताया कि डाक विभाग घर-घर तक गंगाजल पहुंचाएगा।
उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करे या न करे इसको लेकर पार्टी असमंजस में है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हैं कि प्रदेश में पार्टी कोई चेहरा देगी या नहीं।
जन अधिकार पार्टी प्रमुख और राजद से निष्कासित राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ टिप्पणी करने वाले राजद सांसद मो. तस्लीमुद्दीन को उनकी पार्टी द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने को गलत ठहराते हुए उन्हें जन अधिकार पार्टी में शामिल होने का न्योता दिया।
उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों के लिए जब कांग्रेस कार्यकर्ताओं से आवेदन मांगे जा रहे थे तो कई सीटों के लिए आवेदन ही नहीं आए। जो आए भी उनमें ज्यादातर खानापूर्ति के लिए थे अगर टिकट मिल गया तो चुनाव लड़ जाएंगे। कुल सीटों के लिए कांग्रेस से टिकट पाने वाले गंभीर उम्मीदवारों की संख्या महज सौ के आसपास है जो वास्तव में पार्टी के प्रति अपनी आस्था जताते हुए चुनाव लडऩा चाहते हैं।