जम्मू-कश्मीर के तंत्रीपोरा में लश्कर के आतंकी की हत्या के बाद शॉपिया और कुलगाम जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया गया है।
भारतीय जनता पार्टी ने मांग की है कि दिल्ली में बाबर रोड का नाम बदलकर शहीद लेफ्टिनेंट उमर फैयाज किया जाए। पिछले दिनों आतंकवादियों ने राजपूताना राइफल्स के 23 साल के लेफ्टिनेंट फैयाज का अपहरण कर हत्या कर दी थी।
कश्मीर के कुलगाम में लेफ्टिनेंट उमर फैयाज की हत्या में लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन का हाथ है। सूत्रों के मुताबिक, लश्कर और हिज्बुल के 6 आतंकियों ने इस हत्या को अंजाम दिया। इससे पहले रात भर उमर को टॉर्चर किया गया और फिर गोलियों से छलनी कर उसकी हत्या कर दी।
इसमें कोई शक नहीं है कि सेना प्रमुख या सेना के किसी भी अंग के प्रमुख की नियुक्ति करना सरकार का विशेषाधिकार है। ऐसे में लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत की नियुक्ति पर इतना शोर-शराबा क्यों मचाया जा रहा है। यह पहला मौका नहीं है जब किसी की वरिष्ठता को नकार कर दूसरे को सेना प्रमुख बनाया गया हो। इससे पूर्व 1983 में जनरल एएस वैद्य को सेना प्रमुख बनाया गया था जबकि ले. जनरल उनसे वरिष्ठ थे।