प्रधानमंत्री का यह भाषण स्वामी विवेकानंद के शिकागो विश्व धर्म संसद में दिए भाषण के 125 साल पूरे होने और पंडित दीनदयाल उपाध्याय शताब्दी समारोह के मौके पर दिया गया है।
वंदे मातरम् पर छिड़ी बहस के बीच केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शनिवार को कहा कि वंदे मातरम् गाना अपनी पसंद की बात है और जो लोग इसे गाने से इंकार कर रहे हैं उन्हें देशद्रोही नहीं करार दिया जा सकता।
यह आदेश के. वीरामनी द्वारा दाखिल याचिका पर सुनाया गया। वीरामनी बीटी असिस्टेंट के पोस्ट के लिए आयोजित परीक्षा में फेल हो गए थे, क्योंकि उन्होंने परीक्षा में सवाल का जवाब देते हुए लिखा था कि राष्ट्रगीत बंगाली में लिखा गया है। उनके अनुसार न्यूनतम अंक 90 है, जबकि उन्हें 89 नंबर मिले थे। इस वजह से वह यह नौकरी नहीं पा सके।
सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रगीत वंदे मातरम् को स्कूलों में गाए जाने को जरूरी बनाने की अपील पर किसी बहस में पड़ने से इनकार कर दिया। जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुआई वाली बेंच ने शुक्रवार को संविधान के अनुच्छेद 51 ए (ए) का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसी अपील सिर्फ राष्ट्रगान जन-गण-मन और राष्ट्रीय ध्वज के मामले में मंजूर की जा सकती है, राष्ट्रगीत के मामले में नहीं।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है कि सेना बोलती नहीं बल्कि पराक्रम दिखाती है। पीएम ने भाेपाल में शौर्य स्मारक के अनावरण समारोह में अपने भाषण की शुरुआत 'शहीदों अमर रहो' और 'वंदे मातरम' के उद्घोष के साथ की। उन्होंने कहा कि ''मेरा सौभाग्य है कि मुझे यहां आकर सैनिकों के लिए श्रद्धा सुमन अर्पित करने का मौका मिला।
भारत माता की जय संबंधी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी के कुछ दिन बाद संगठन के एक शीर्ष पदाधिकारी ने कहा है कि वास्तव में वंदे मातरम् ही राष्ट्रगान है।